केसीसी बैंक के दो जीएम की शक्तियां छीनीं, लोन रिकवरी का साैंपा जिम्मा

कांगड़ा। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक ने अपने दो जीएम (महाप्रबंधक) की शक्तियां छीन ली हैं। दोनों महाप्रबंधक सतवीर मिन्हास और जीएम अमित गुप्ता लोन रिकवरी के मामले देखेंगे। इससे पूर्व इन दोनों के पास 220 बैंक शाखाओं की देखरेख के अलावा प्रशासनिक शक्तियां थीं। बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में सर्व सहमति से यह कार्रवाई की गई। इसके अलावा बीओडी और बैंक के प्रबंधक निदेशक के बीच चल रहा विवाद भी अब खत्म होने के कगार पर है।

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बैंक के प्रबंध निदेशक लंबे समय से बीओडी की बैठकों में नहीं आ रहे हैं। बीओडी ने माना कि करीब पांच से अधिक बीओडी की बैठकों में बैंक के एमडी के अनुपस्थित रहने और उनके रवैये से बैंक को नुकसान पहुंच रहा है। बीओडी ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की है। बैंक के निदेशकों का दावा है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि बैंक के सुचारू संचालन के लिए नए एमडी के तौर पर नया अधिकारी की नियुक्ति के आदेश जारी होंगे। ग्रेड-चार से ग्रेड तीन के पदोन्नति परीक्षा को लेकर संशय बना हुआ है।

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आठ सितंबर को पदोन्नति परीक्षा है। आईबीपीएस परीक्षा को लेकर प्रश्नपत्रों का प्रकाशन, अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा केंद्र और रोलनंबर आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर चुका है। परीक्षा के आयोजन को लेकर बैंक से एक मोटी रकम भी आईबीपीएस को मिल चुकी है। बीओडी के सदस्यों ने परीक्षा को रद्द करने की मांग की है। लेकिन तीन दिन बाद परीक्षा होनी है, ऐसे में इतने कम समय में परीक्षा को टालना मुश्किल है। इस बारे में बैंक के महाप्रबंधकों ने कहा कि वह बीमार हैं। और विशेषज्ञ चिकित्सकों के मेडिकल सर्टिफिकेट्स भी उनके पास हैं। इसके चलते वह बीओडी की मीटिंग में नहीं आ पाए।

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उपायुक्त कांगड़ा भी पहुंचे बैंक मुख्यालय
केसीसी बैंक की बीओडी की बैठक में अधिकारियों पर कार्रवाई के छिड़े विवाद के बाद वीरवार को उपायुक्त हेमराज बैरवा कांगड़ा केंद्रीय बैंक मुख्यालय धर्मशाला पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक यहां पर उन्होंने बैंक के चेयरमैन के साथ बैठक की और बैंक में चल रहे मामलों को लेकर अनौपचारिक बातचीत की।

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बीओडी से एमडी और दो महाप्रबंधक अनुपस्थित रहे। दोनों जीएम को रिकवरी में लगाया है। एमडी को भी हफ्ते भर में ट्रांसफर करने का सरकार से आश्वासन मिला है। -कुलदीप सिंह पठानिया, चेयरमैन, केसीसी बैंक

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इसलिए हुई कार्रवाई
1. केसीसी बैंक की कुछ जरूरी फाइलें गायब हैं। इस पर बीओडी ने पुलिस में एफआईआर करवाने का निर्णय लिया है।
2. मंडी के एक व्यक्ति को नियमों के विपरीत ऋण दिया। उसके पास 60 करोड़ फंसे हैं। जबकि केसीसी की मंडी में कोई ब्रांच नहीं है और न ही बिजनेस क्षेत्र में मंडी जिला है।
3. कुल्लू के व्यक्ति को एक करोड़ से अधिक का लोन दिया। बाद में वन टाइम सेटलमेंट किया। 2016 में बैंक में हुई भर्ती में एक महिला को नियमों के विपरीत नौकरी दी।
इस मामले की जांच विजिलेंस ने की थी। मामला कोर्ट में है।

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