गोलियां दागने की एवज में पांच लाख और नौकरी मिलनी तह थी शूटर को

भारत केसरी बिलासपुर 26 जून

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बिलासपुर गोलीकांड में परत दर परत खुलकर सामने आ रही हैं। पुलिस की छानबीन में कई अहम खुलासे हुए हैं। पुलिस रिमांड के दौरान शूटर सन्नी ने कबूला है कि उससे इस गोलीकांड को अंजाम देने के लिए पांच लाख रुपये और नौकरी देने का सौदा पूर्व विधायक के बेटे पुरंजन ने किया था। शूटर का यह भी कहना है कि मास्टरमाइंड पुरंजन ने ही गोलियों से भरा कट्टा उपलब्ध करवाया था।

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वहां पर बस अड्डा में कुछ समय के लिए टायलेट, बाथरूम में सफाई का कार्य किया। उसके बाद चिकन की दुकान पर भी काम किया, लेकिन लड़ाई-झगड़ा होने के कारण काम छूट गया और वह बेरोजगार हो गया। वह काफी समय से बिलासपुर के सुंगल गांव के संदीप उर्फ सैंडी के संपर्क में था। उसने सैंडी से काम दिलवाने को कहा था। सैंडी ने पुरंजन ठाकुर उर्फ गोलू के बारे में बताया था कि वह पूर्व विधायक का बेटा है और उसका अच्छा दोस्त है। कहा था कि वह उसे काम दिलवा सकता है।

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इससे पहले भी यह मलकीत सिंह उर्फ मल्ली के माध्यम से बिलासपुर में आकर पुरंजन से दो-तीन बार मिला था। सैंडी के कहने पर गोलीकांड के लगभग 20 दिन पहले बिलासपुर आया था और सैंडी ने इसे पुरंजन से उसके घर मिलवाया था। उसने पुरंजन को कहा कि कोई नौकरी दिला दो तो उसने कहा कि यदि मेरा काम कर दोगे तो नौकरी दिलवा देगा। इनकी योजना के मुताबिक इनका मुख्य टारगेट सौरव था। उसके बाद इन्होंने डियारा सेक्टर बिलासपुर के गौरव, मंजीत नड्डा को मारने की योजना बनाई थी।

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पुलिस छानबीन में शूटर ने कहा कि उसने पुरंजन से पूछा कि क्या काम करना है तो उसने बताया कि सौरभ पटियाल उर्फ फांदी को गोली मारकर खत्म करना है। कारण पूछा तो उसने बताया कि कुछ समय पहले सौरव पटियाल उर्फ फांदी व उसके दोस्तों ने उसके पिता पूर्व विधायक बंबर ठाकुर पर जानलेवा हमला किया था। इस कारण बेइज्जती हुई है, जिसका बदला लेना है। अच्छा मौका देख उसने भी मोलभाव कर लिया। काम हो जाने के बाद पांच लाख रुपये देने का वादा किया था। यदि पकड़ा गया तो दो दिन में पुलिस से छुड़ाने का भी वादा था। इसके बाद पूरे कांड को अंजाम देने की सहमति बनी। आरोपी सैंडी व गोलू ने अपने एक दोस्त अनमोल शर्मा उर्फ गौरव नड्डा को भी शामिल कर लिया।

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आरोपी के अनुसार पुरंजन ने कहा था कि मौका व उचित समय देखकर घटना को अंजाम देंगे। उसे कट्टे का प्रबंध करने को भी कहा था, लेकिन उसे कट्टा (देसी पिस्तौल) उपलब्ध नहीं हो सका था। इस पर पुरंजन ने कहा था कि वह खुद उपलब्ध करवा देगा। जब मास्टरमाइंड ने उसे कट्टा दिया तो उसने कहा कि उसे यह चलाना नहीं आता है। लेकिन पुरंजन ने कहा कि इस कट्टे में चार गोलियां हैं और कोई गलती नहीं होनी चाहिए। इसके बाद उसने दो गोलियां चलाईं और उसमें से एक फांदी को लगी। उसके बाद कट्टा फंस गया।
‘गोलू भाई, काम खराब हो गया यार’

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