सरकार कह रही कि संजौली शिमला की मस्जिद अवैध है। अगर सरकार कह रही कि मस्जिद अवैध है तो करे त्वरित कार्रवाई : जयराम ठाकुर

शिमला: मदन शर्मा 5 सितम्बर

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भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा की जो अवैध है उसपर उचित कार्यवाही होनी चाहिए। हम धर्म की बात नहीं करते पर वैध और अवैध पर चर्चा तो होनी ही चाहिए। उन्होंने कहा की संजौली की मस्जिद का निर्माण 2010 में एक मंजिला हुआ था, यह मंजिल अवै थी और नगर निगम शिमला द्वारा इस निर्माण पर रोक लगी थी।मौलवी कह रहा है कि 2017 तक निर्माण हो गया था। यह साफ साफ नगर निगम शिमला और प्रशासन को लापरवाही है। अब मामला संज्ञान में आया है, क़ानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हुई है। मंत्री कह रहे हैं, नगर निगम कह रहा है कि निर्माण अवैध तो सरकार कार्रवाई करे।

उन्होंने कहा की आम आदमी अगर एक फुट भी भवन को बड़ा ले तो उसकी बिजली पानी काट देते हैं, पर यहां का बिजली पानी अभी तक कटा नहीं। अवैध निर्माण को लेकर किसी भी प्रकार का अगर कोई संरक्षण दे रहा है तो उस व्यक्ति पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। हमारा मानना है कि अगर कोई चीज अवैध हो तो उसके ऊपर उचित कार्रवाई होनी चाहिए, बात धर्म की नहीं वैध और अवैध निर्माण की है। लड़ाई तो सच और झूठ में होती है। उन्होंने कहा की विशेष समुदाय के लोग अगर हिमाचल प्रदेश में दुकान खोलते हैं तो उनका पंजीकरण होता है, पर यहां पर जो लोग रह रहे थे उनका पंजीकरण नहीं हुआ इससे समाज में थोड़ा रोष पैदा हुआ था।

जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के मंत्री का भी यही कहना है, उन्होंने विधानसभा में इस मामले को उठाया और कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की है। हम उनके बयान का स्वागत करते है। कांग्रेस के मंत्री ने तो यह तक बता दिया कि यह भूमि हिमाचल प्रदेश सरकार की है वकफ बोर्ड की नहीं है। कांग्रेस के मंत्री ने यह भी बताया कि नगर निगम शिमला ने गलत व्यक्ति पर कैसे बनाया था अब 2024 में यह केस वक्फ ऑफ बोर्ड के साथ चला है। कांग्रेस पार्टी स्वयं इस मुद्दे पर बंटी हुई है।कार्रवाई : जयराम ठाकुर
जब मामला संज्ञान में आया तो क़ानूनन कार्रवाई सरकार का काम

शिमला: भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा की जो अवैध है उसपर उचित कार्यवाही होनी चाहिए। हम धर्म की बात नहीं करते पर वैध और अवैध पर चर्चा तो होनी ही चाहिए। उन्होंने कहा की संजौली की मस्जिद का निर्माण 2010 में एक मंजिला हुआ था, यह मंजिल अवै थी और नगर निगम शिमला द्वारा इस निर्माण पर रोक लगी थी।मौलवी कह रहा है कि 2017 तक निर्माण हो गया था। यह साफ साफ नगर निगम शिमला और प्रशासन को लापरवाही है। अब मामला संज्ञान में आया है, क़ानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हुई है। मंत्री कह रहे हैं, नगर निगम कह रहा है कि निर्माण अवैध तो सरकार कार्रवाई करे।

उन्होंने कहा की आम आदमी अगर एक फुट भी भवन को बड़ा ले तो उसकी बिजली पानी काट देते हैं, पर यहां का बिजली पानी अभी तक कटा नहीं। अवैध निर्माण को लेकर किसी भी प्रकार का अगर कोई संरक्षण दे रहा है तो उस व्यक्ति पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। हमारा मानना है कि अगर कोई चीज अवैध हो तो उसके ऊपर उचित कार्रवाई होनी चाहिए, बात धर्म की नहीं वैध और अवैध निर्माण की है। लड़ाई तो सच और झूठ में होती है। उन्होंने कहा की विशेष समुदाय के लोग अगर हिमाचल प्रदेश में दुकान खोलते हैं तो उनका पंजीकरण होता है, पर यहां पर जो लोग रह रहे थे उनका पंजीकरण नहीं हुआ इससे समाज में थोड़ा रोष पैदा हुआ था।

जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के मंत्री का भी यही कहना है, उन्होंने विधानसभा में इस मामले को उठाया और कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की है। हम उनके बयान का स्वागत करते है। कांग्रेस के मंत्री ने तो यह तक बता दिया कि यह भूमि हिमाचल प्रदेश सरकार की है वकफ बोर्ड की नहीं है। कांग्रेस के मंत्री ने यह भी बताया कि नगर निगम शिमला ने गलत व्यक्ति पर कैसे बनाया था अब 2024 में यह केस वक्फ ऑफ बोर्ड के साथ चला है। कांग्रेस पार्टी स्वयं इस मुद्दे पर बंटी हुई है।

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