आज का पंचाग

*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 29 मई 2024*
*⛅दिन – बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – ग्रीष्म*
*⛅मास – जयेष्ठ*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – षष्ठी दोपहर 01:39 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*⛅नक्षत्र – श्रवण प्रातः 08:38 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
*⛅योग- इन्द्र दोपहर 11:30 तक तत्पश्चात वैधृति*
*⛅राहु काल – दोपहर 12:00 से दोपहर 01:30 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:22*
*⛅सूर्यास्त – 07:13*
*⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त – कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:16 मई 30 से रात्रि 12:58 मई 30 तक*
*⛅विशेष – षष्ठी को नीम-भक्षण (पत्ती, फल खाने या दातुन मुंह में डालने) से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

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*🌹 ब्रह्मचर्य-पालन के नियम 🌹*

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*ऋषियों का कथन है कि ब्रह्मचर्य ब्रह्म-परमात्मा के दर्शन का द्वार है, उसका पालन करना अत्यंत आवश्यक है । इसलिए यहाँ हम ब्रह्मचर्य-पालन के कुछ सरल नियमों एवं उपायों की चर्चा करेंगेः*

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*1. ब्रह्मचर्य तन से अधिक मन पर आधारित है । इसलिए मन को नियंत्रण में रखो और अपने सामने ऊँचे आदर्श रखो ।*

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*2. आँख और कान मन के मुख्यमंत्री हैं । इसलिए गंदे चित्र व भद्दे दृश्य देखने तथा अभद्र बातें सुनने से सावधानी पूर्वक बचो ।*

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*3. मन को सदैव कुछ-न-कुछ चाहिए । अवकाश में मन प्रायः मलिन हो जाता है । अतः शुभ कर्म करने में तत्पर रहो व भगवन्नाम-जप में लगे रहो ।*

*4. ‘जैसा खाये अन्न, वैसा बने मन ।’ – यह कहावत एकदम सत्य है । गरम मसाले, चटनियाँ, अधिक गरम भोजन तथा मांस, मछली, अंडे, चाय कॉफी, फास्टफूड आदि का सेवन बिल्कुल न करो ।*

*5. भोजन हल्का व चिकना स्निग्ध हो । रात का खाना सोने से कम-से-कम दो घंटे पहले खाओ ।*

*6. दूध भी एक प्रकार का भोजन है । भोजन और दूध के बीच में तीन घंटे का अंतर होना चाहिए ।*

*7. वेश का प्रभाव तन तथा मन दोनों पर पड़ता है । इसलिए सादे, साफ और सूती वस्त्र पहनो । खादी के वस्त्र पहनो तो और भी अच्छा है । सिंथेटिक वस्त्र मत पहनो । खादी, सूती, ऊनी वस्त्रों से जीवनीशक्ति की रक्षा होती है व सिंथेटिक आदि अन्य प्रकार के वस्त्रों से उनका ह्रास होता है ।*

*8. लँगोटी बाँधना अत्यंत लाभदायक है । सीधे, रीढ़ के सहारे तो कभी न सोओ, हमेशा करवट लेकर ही सोओ । यदि चारपाई पर सोते हो तो वह सख्त होनी चाहिए ।*

*9. प्रातः जल्दी उठो । प्रभात में कदापि न सोओ । वीर्यपात प्रायः रात के अंतिम प्रहर में होता है ।*

*10. पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, शराब, चरस, अफीम, भाँग आदि सभी मादक (नशीली) चीजें धातु क्षीण करती हैं । इनसे दूर रहो ।*

*11. लसीली (चिपचिपी) चीजें जैसे – भिंडी, लसौड़े आदि खानी चाहिए । ग्रीष्म ऋतु में ब्राह्मी बूटी का सेवन लाभदायक है । भीगे हुए बेदाने और मिश्री के शरबत के साथ इसबगोल लेना हितकारी है ।*

*12. कटिस्नान करना चाहिए । ठंडे पानी से भरे पीपे में शरीर का बीच का भाग पेटसहित डालकर तौलिये से पेट को रगड़ना एक आजमायी हुई चिकित्सा है । इस प्रकार 15-20 मिनट बैठना चाहिए । आवश्यकतानुसार सप्ताह में एक-दो बार ऐसा करो ।*

*13. प्रतिदिन रात को सोने से ठंडा पानी पेट पर डालना बहुत लाभदायक है ।*

*14. बदहज्मी व कब्ज से अपने को बचाओ ।*

*15. सेंट, लवेंडर, परफ्यूम आदि से दूर रहो । इन्द्रियों को भड़काने वाली किताबें न पढ़ो, न ही ऐसी फिल्में और नाटक देखो ।*

*16. विवाहित हो तो भी अलग बिछौने पर सोओ ।*

*17. हर रोज प्रातः और सायं व्यायाम, आसन और प्राणायाम करने का नियम रखो ।*

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