संवाद और एक्सपोज़र विज़िट के माध्यम से विद्यार्थियों ने सीखी प्राकृतिक खेती की बारीकियाँ

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नौणी ,  आरती शर्मा 11 अगस्त, 2025

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डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में स्नातकोत्तर विद्यार्थियों तथा प्राकृतिक खेती के ईएलपी (अनुभवात्मक शिक्षण कार्यक्रम) विद्यार्थियों के लिए एक विशेष संवाद- सह एक्सपोज़र विज़िट का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में चल रही प्राकृतिक खेती गतिविधियों से अवगत करवाना था। प्राकृतिक खेती में संलग्न विश्वविद्यालय की संपूर्ण वैज्ञानिक टीम ने भी इसमें भाग लिया।

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इस कार्यक्रम में पद्मश्री नेकराम शर्मा और कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने भाग लिया। इसकी शुरुआत विश्वविद्यालय के प्राकृतिक खेती प्रदर्शन ब्लॉक के फील्ड विज़िट से हुई, जहां विभिन्न फसल संयोजनों पर अनुसंधान चल रहे हैं। नेकराम शर्मा ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर विद्यार्थियों से प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न फसलों में किए जा रहे प्रयोगों पर विचार-विमर्श किया।

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सभा को संबोधित करते हुए नेकराम शर्मा ने इस पर्यावरण हितैषी खेती पद्धति के पीछे के विज्ञान को सीख रहे युवा विद्यार्थियों के साथ संवाद कर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने आधुनिक समय में प्राकृतिक खेती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पौष्टिक और स्वस्थ आहार के लाभ गिनाए। उन्होंने श्रीअन्न और प्राकृतिक खेती के अपने अनुभव साझा किए। वनों के माध्यम से मिट्टी संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया और बताया कि किस प्रकार इन जंगलों के संरक्षण ने उनके गाँव को हाल ही में हुई भारी वर्षा के दौरान नुकसान से बचाया। उन्होंने प्रकृति संरक्षण और पारंपरिक देशी फसल किस्मों के संवर्धन का आह्वान किया।

 

प्रो. चंदेल ने रासायनिक-मुक्त, स्वस्थ भोजन की बढ़ती वैश्विक मांग और प्राकृतिक खेती के प्रति बढ़ती रुचि पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में उद्यमिता के अवसर तलाशने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने प्राकृतिक खेती में विश्वविद्यालय द्वारा अपनाए गए फसल संयोजन मॉडलों के बारे में बताया, जिनका उद्देश्य किसानों को विविध फसलों के माध्यम से सालभर आय उपलब्ध करवाना है।

 

यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए अत्यंत व्यावहारिक और प्रेरणादायी साबित हुआ, जिसने उन्हें प्राकृतिक खेती को भविष्य के लिए एक टिकाऊ कृषि मॉडल के रूप में देखने की दिशा में प्रोत्साहित किया।

 

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