तुगलकी फरमान के कारण बागवान,आढ़ती और लदानी परेशान : वर्मा

Advertisement

सेब गड मे बिकना चाहिए,लेकिन अभी दर में बिक रहा है : चेतन

Advertisement

शिमला, यूनिवर्सल कार्टन को बिना तैयारी के आनन फानन में लागू करने के कारण प्रदेश को पांच हजार करोड़ की आर्थिकी देने वाली सेब बागवानी खतरे में आ गई है, ये बात भाजपा के विधायक, प्रवक्ता बलबीर वर्मा एवं प्रवक्ता चेतन बरागटा ने कही।
दोनों नेताओं ने कहा कि प्रदेश में टेलिस्कोपिक पर लगे पूर्ण प्रतिबंध व दर के हिसाब से सेब को बेचे जाने के निर्णय के बाद बागवानों ने अपना उत्पाद बेचने के लिए बाहरी राज्य की मंडियों का रूख कर लिया है। आज तक बागवान जुलाई महिने में अधिकतर अपना सेब नाशपति हिमाचल की मंडियों में ही बेचता था ,लेकिन बागवान इस बर्ष अभी से ही बाहरी राज्यों की मंडियों में अपना उत्पाद बेचने को मजबूर हुआ है। जिसका सीधा असर प्रदेश के अंदर चल रही लोकल मंडियों व इस कारोबार से जुड़े अन्य लघु उद्योगों व रोजगार के अवसरों पर पड़ेगा।बागवानी मंत्री के तुगलकी फरमान के कारण बागवान,आढ़ती और लदानी परेशान है। जिस कारण इस वर्ष लदानी भी प्रदेश की मंडियों में कम आ रहे है तथा आढ़ती भी दुसरे राज्यों की मंडियों की और शिफ्ट होने का मन बना रहे है। इन सभी कारणो से प्रदेश सरकार को बहुत बढ़ा राजस्व घाटा होगा।

Advertisement

बलबीर वर्मा ने कहा कि जिस गैरजिम्मेदाराना तरीके से कांग्रेस सरकार ने बिना किसी तैयारी के टेलिस्कोपिक कार्टन पर प्रतिबंध लगाकर यूनिवर्सल कार्टन को लागू किया उससे बागवान असहज महसूस कर रहा है।
पूर्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बागवानी मंत्री नरेन्द्र बरागटा की अगुवाई में प्रदेश में मंडियो का जाल बिछाया लेकिन काँग्रेस की बागवानी के प्रति उदासीन मानसिकता के कारण इन फल मंडियो का अस्तित्व ही आज खतरे मे आ गया है।

Advertisement

चेतन ने कहा सेब गड मे बिकना चाहिए,लेकिन अभी दर में बिक रहा है। जिसमें 30%,20%और 10% की कटौती की जा रही है ,जो निर्णय असहनीय है। अगर बागवानी विरोधी निर्णय वापिस नही लिए गए तो भाजपा उग्र आदोलन करेगी जरूरत पड़ी तो कोर्ट का दरवाजा खट-खटाने से भी पिछे नही हटेगी।

Advertisement

चेतन बरागटा ने कहा कि 20 बर्ष पहले हिमाचल सेब उत्पादन में अग्रणी राज्य (leading) राज्य था,लेकिन आज इसका उल्टा हो गया है अब हिमाचल सबसे पिछे है। आज हिमाचल सिर्फ 17% सेब पैदा करता है जबकि जम्मू-कश्मीर 78% सेब पैदा करता है।
क्या प्रदेश सरकार ने इस ओर चिंतन किया कि हम पिछे क्यो गए। क्या जम्मू-कश्मीर, उतर- पूर्वी प्रदेशों और उत्तराखंड ने कार्टन स्टेंडेडाईडेशन किया है ,ये भी हमे जानने का प्रयास करना चाहिए।
प्रदेश सरकार ने आनन फानन में यूनिवर्सल कार्टन लागू क्यो किया,ये विचारणीय प्रश्न है जो जनता के बीच छोड़कर जा रहा हूँ। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र ने भी जब बागवान लकड़ की पेटी से गत्ते में शिफ्ट हुआ था तो उन्होंने भी 3 साल का ट्रायल पीरियड दिया था।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या हिमाचल की सरकार अपने कार्यकाल के 5 साल पूरे करेगी

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000