हिमाचल प्रदेश विवि (एचपीयू) पीएचडी में दाखिले के लिए मई में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करेगा। पीएचडी के लिए इस बार प्रवेश परीक्षा नहीं होगी, बल्कि नेट के स्कोर के आधार पर दाखिला मिलेगा। इसके लिए विवि ने यूजीसी के नए पीएचडी प्रवेश रेगुलेशन के अनुरूप अपने नियम तैयार कर दिए हैं। नियमों को डीन कमेटी और एकेडमिक काउंसिल की स्टैंडिंग कमेटी से मंजूरी मिलना बाकी है। प्रक्रिया के पूरा होने पर विवि का अधिष्ठाता अध्ययन कार्यालय मई में पीएचडी में प्रवेश के लिए नियमों के अनुसार आवेदन आमंत्रित करने की तैयारी कर रहा है।
अधिष्ठाता अध्ययन कार्यालय ने 30 अप्रैल तक पीएचडी करवाने वाले सभी विभागों से खाली सीटों का ब्योरा मांगा है। विवि नए रेगुलेशन के आधार पर पहली बार बिना प्रवेश परीक्षा के पीएचडी में दाखिला देगा। इसमें प्रवेश का आधार नेट स्कोर रहेगा। इसकी मेरिट तैयार कर ही पीएचडी की सीटों का आवंटन होगा। पीएचडी में प्रवेश के लिए छात्रों को नेट की परीक्षा देना अनिवार्य होगा। इसमें मूल रूप से तीन तरह की श्रेणी के तहत अभ्यर्थी पीएचडी प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इसमें नेट उत्तीर्ण, जेआरएफ के अलावा नेट में अपीयर हुए और पीएचडी के लिए पात्र बने छात्र भी आवेदन कर सकेंगे। अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. बीके शिवराम ने माना कि विवि जल्द पीएचडी प्रवेश के लिए आवेदन प्रकिया शुरू करेगा। शेड्यूल जल्द जारी कर दिया जाएगा। नियम तैयार हैं। इसे डीन कमेटी और एकेडमिक काउंसिल से मंजूरी दिलवाई जाएगी। इसके बाद नए नियमों के तहत पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया होगी।
यूजी के स्पेशल चांस के लिए 73 छात्रों के परीक्षा फार्म अधूरे
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से सीबीसीएस रूसा के तहत डिग्री पूरी करने या श्रेणी सुधार को दिए गए परीक्षा के स्पेशल चांस के लिए 73 विद्यार्थियों के परीक्षा फार्म अधूरे पाए गए हैं। छह मई से शुरू हो रही परीक्षा से पहले छात्रों को फार्म भरने के साथ ही तय फीस जमा करवाने को कहा गया है। इसके बाद ही छात्रों को परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी होंगे। विवि ने स्पष्ट किया है कि बिना एडमिट कार्ड से परीक्षार्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
विवि ने अधूरे परीक्षा फार्म भरने वाले छात्रों की पूरी सूची वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। अपलोड की लिस्ट में शामिल छात्रों को परीक्षा से पहले फार्म भरने की शेष प्रक्रिया को हर हाल में पूरा करना होगा। परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने बताया कि स्पेशल चांस की परीक्षा के लिए शिमला के राजीव गांधी महाविद्यालय और धर्मशाला डिग्री कॉलेज में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। केंद्रों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि बिना एडमिट कार्ड के किसी को परीक्षा में बैठने की अनुमति न दी जाए। सत्र 2013 से 2015 तक के 27, 2016 और 2017 तक के 46 विद्यार्थियों ने अधूरे परीक्षा फार्म भरे हैं।
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