सस्ती शिक्षा, महंगी शराब, बीमार लाचार, अर्थव्यवस्था का उपचार। विवेक शर्मा दूर दराज़ शिक्षा, शराब घर द्वार, बीमार रेफरल होने के लिए तैयार, विवेक शर्मा।

शिमला ब्यूरो सुभाष शर्मा 28/4/25

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माणिक वर्मा का शेयर और कांग्रेस पर तंज।
कायरता जिन चेहरों का श्रृंगार करती है।
उन पर मक्खी भी बैठने से इंकार करती है।

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शिमला: भाजपा प्रवक्ता विवेक शर्मा ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा।
राहुल गांधी जी के नवरत्नों में एक रतन हमारा भी, नाम है सुखविंदर सिंह सुक्खू माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश।
उनकी कार्यप्रणाली के चर्चे अफसानों से कम नहीं।
शैक्षणिक संस्थाओं की रैशनलाइजेशन (युक्तिकरण) करके उन्हें बंद करना सरकार की मजबूरी और सरकार द्वारा नीलाम ना हुए शराब के ठेकों को स्वयं सरकार द्वारा खोलने, चलाने का निर्णय सरकार के लिए बहुत जरूरी है। ये प्रदेश सरकार की उपलब्धियों में गिना जाएगा।
जिन शैक्षणिक संस्थानों में कम बच्चों की संख्या है उन्हें बंद करना सरकार की मजबूरी है तो क्या पंचायतों, नगर निगम, नगर परिषद के वार्डो में शराब के ठेके खोलना विकास में गिना जाएगा क्या उपरोक्त स्थान पर सुक्खू सरकार ने शराबियों की जनगणना करवा ली है। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए
जिन मल्टीटासक वर्कर्स और होमगार्ड के जवानों को शराब के ठेकों पर नियुक्त किया जा रहा है। शराब बेचने के लिए , कहीं शराब के ठेके घाटे की स्थिति में चले गए तो यह मल्टी टास्क वर्कर, होमगार्ड के जवान भी लोगों को तलाश कर , कॉलेज व स्कूल के अध्यापकों की तरहां विद्यार्थी तलाश रहे हैं। क्या मल्टी टास्क वर्कर शराबी तलाशेंगे घर-घर जाकर मल्टी टास्क वर्कर या उनकी भी रेशनलाइजेशन हो जाएगी।
वाह राहुल जी के नवरत्न
क्या कूल कूल, क्या ठंडा ठंडा
कहीं हिमफैर्ड को तो कहीं फूड एंड सिविल सप्लाई को शराब बेचने का काम दिया जा रहा है। यही आर्थिक आत्मनिर्भरता है। हिमाचल वासियों ने कभी नहीं सोचा होगा ऐसा अंजाम । कर्मचारी, अधिकारी, सेवानिवृत्ति कर्मचारी, बेरोजगार, व्यापारी, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का खफा होना तो एक सामान्य प्रक्रिया हो सकती है लेकिन कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों का विवश होना और बंद कमरों में रोना ही व्यवस्था परिवर्तन है।
हिमाचल प्रदेश की आर्थिक हालात बता रहे हैं अस्पतालों में पैसे देकर पर्ची पर रैफर होता मरीज एच.आर.टी.सी की बस में सवार होने से पहले अपना वजन और सामान का वजन तोलता है। हिमाचल में वह दिन दूर नहीं जब एक्साइज विभाग फड़ी लगाकर बोलेगा जी.एस.टी नंबर ले लो…. जी.एस.टी तिमाही हो या वार्षिक रिटर्न हम भरेंगे।
और बंद पड़े उद्योगों के बाहर आवाज देगा बिजली विभाग, बिजली ले लो बिजली। सस्ती बिजली पुकारता पाया जाएगा।
और आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश कार्यालय राजीव भवन के बाहर तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री बाहर बैठे कर आवाज देते देखेंगे टिकट ले लो टिकट कांग्रेस का।
कांग्रेस के मित्रों को माणिक वर्मा का एक शेर नजर करना चाहता हूं
कायरता जिन चेहरों का श्रृंगार करती है।।
उन पर मक्खी भी बैठने से इंकार करती है।।

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