सोलन न्यूज : हिंदू संगठनों ने बाहरी गैर हिंदुओं के विरोध में डीसी को सौंपा ज्ञापन

सोलन। अन्य राज्यो से हिमाचल आकर यहां आकर बसने वाले गैर हिंदु समुदाय के लोगों के खिलाफ आज कुछ हिंदूवादी संगठनों ने जिला उपायुक्त सोलन को ज्ञापन सौंपा। उनका कहना है कि ऐसे लोगों में बंग्लादेशी और रोहिंग्या भी संभावित हो सकते हैं। जिससे प्रदेश के अमन व भाईचारे को खतरा पैदा हो गया है। जिला उपायुक्त मनमोहन शर्मा को सोंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश की पहचान एक शांतिप्रिय और सांप्रदायिक सद्भाव वाले सुंदर राज्य के तौर पर रही है। यहां सदियों से सभी समुदायों के लोग मिलजुल कर रहते आए हैं और एक दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते हैं। लेकिन पिछले लगभग 2 दशकों से हिमाचल की जनसांख्यिकी में षडयंत्रपूर्वक परिवर्तन करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इससे अनेक समस्याएं, सामाजिक तनाव और झगड़े उत्पन्न हो रहे हैं। यहां के सीधे-साधे लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए धारा 118 जैसे नियम भी सोच समझकर बनाए गए थे।ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले लगभग 2 दशकों के दौरान बाहरी राज्यों, विशेषकर उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग यहां लाकर बसाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के सांप्रदायिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्रों सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, शामली, बिजनौर और साथ लगता उत्तराखंड के तराई क्षेत्र से भी मुस्लिम समुदाय के लोग यहां आकर स्थाई रूप से बस रहे हैं।

ज्ञापन सौंपने वालों के अनुसार एक राज्य से दूसरे राज्य में जाकर लोगों का रहना और बसना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। लेकिन षडयंत्र पूर्वक एक मज़हब विशेष के लोगों को देवभूमि में बसाए जाने से यहां की डेमोग्राफी में बड़े पैमाने पर परिवर्तन देखा जा रहा है। यह स्वाभाविक नहीं है और इसके खतरनाक परिणाम दिखाई देने लगे हैं।
बाहर से आकर यहां स्थाई रूप से बसने वाले मुसलमान संगठित होकर एक माफिया के रूप में कार्य करते हैं। यह लोग सरकारी एवं निजी भूमि पर अवैध कब्जे करके मस्जिद, मदरसा एवं अन्य निर्माण कर लेते हैं। जिन क्षेत्रों में इनकी अवैध गतिविधियां और निवास है वहां बहन बेटियों के साथ अक्सर छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार के मामले सामने आते हैं। इसके अलावा गुंडागर्दी और स्थानीय लोगों के साथ मारपीट भी यह लोग करते हैं। चोरी, नशीली दवाओं की तस्करी एवं अन्य अपराधों में भी यह लोग संलिप्त रहते हैं।

उदाहरण देते हुए कहा गया है कि विगत दिनों शिमला के मालियाना जैसे शांतिप्रिय क्षेत्र में बाहर से आकर बसे मुसलमानो ने स्थानीय हिंदू युवकों के साथ बेरहमी से मारपीट की और धमकियां दी और सांप्रदायिक तनाव एवं झगड़ा पैदा करने की कोशिश की। बाद में यह मुस्लिम गुंडे संजौली में बनी अवैध मस्जिद में जाकर छुप गए। इससे समूचे क्षेत्र के लोगों में भीषण रोष है। संजौली में अवैध तौर पर मस्जिद का निर्माण और वहां से गैरकानूनी गतिविधियों का संचालन भी आजकल समूचे शहर में रोष और तनाव का कारण बना हुआ है। स्थानीय लोग बड़े स्तर पर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और अवैध मस्जिद को गिराने की मांग कर रहे हैं। इस अवैध निर्माण की जानकारी शिमला नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस को भलीभांति है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इसी तरह कसुमंपट्टी में अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण किया जा रहा था जिसे तत्कालीन सरकार ने रुकवा दिया था। उस क्षेत्र में मुस्लिम आबादी बिल्कुल नहीं है। इसके बावजूद वहां सैकड़ो बाहरी मुसलमान वहां नमाज पढ़ने आते हैं और गुंडागर्दी करते हैं जिससे लोगों में दहशत है। शिमला नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे यह सब चल रहा है। अवैध निर्माण को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए।

ज्ञापन के अनुसार पिछले दिनों मंडी में भी इसी प्रकार से शहर के बीच में सरकारी भूमि पर अवैध मस्जिद का निर्माण होता रहा जिसे स्थानीय समाज के विरोध के बाद रोका गया है। मजहबी असहिष्णुता के कारण दूसरे धर्म के लोगों को काफिर कहकर नीचा दिखाना और उन्हें मुसलमान बनाने के लिए बरगलाना भी बाहर से आकर बस रहे मुसलमानो की गतिविधियों में शामिल रहता है। हमारी हिंदू बहन बेटियों को लव जिहाद का निशाना बनाकर यह लोग उनका शोषण करते हैं और बाद में प्रताड़ित करके छोड़ देते हैं। यहां बांग्लादेशी घुसपैठियों और म्यांमार से घुसपैठ कर आने वाले रोहिंग्या मुसलमानों के रहने की ख़बरें भी आती रहती हैं।
बाहर से आकर बस रहे मुसलामान कानून का उल्लंघन करने में कोई परहेज नहीं करते हैं। उनके अवैध तौर पर तहबाजारी करने से स्थानीय व्यापारियों को नुकसान होता है और सरकार के टैक्स की चोरी होती है। इससे स्थानीय व्यापारियों में गहरी नाराजगी है। इसके अलावा रास्तों में दुकान लगाने से एंबुलेंस, दमकल वाहन तथा अन्य वाहनों की आवाजाही में गतिरोध होता है।

उनका कहना था कि हिमाचल प्रदेश एक सीमावर्ती राज्य है। इसकी सीमाएं एक और चीन शासित तिब्बत से लगती हैं तो दूसरी ओर हमारे केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू -कश्मीर तथा लद्दाख से भी लगती हैं। ऐसे में बड़े पैमाने पर डेमोग्राफी में षडयंत्र पूर्वक किया जा रहा बदलाव राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी बहुत गंभीर मुद्दा है।
प्रशासन से आग्रह किया गया है कि बाहरी मुसलमानों द्वारा अपराधों, नशे की बुराई, अवैध कब्जों, बहनों- बेटियों से छेड़छाड़, टैक्स की चोरी और राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे पर अंकुश लगाया जाए,इससे सांप्रदायिक सद्भावना और भाईचारे को बनाए रखने तथा हिमाचलियों के अधिकारों का संरक्षण करने में मदद मिलेगी।

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