कम से कम तीन बच्चे होने चाहिए —मोहन भागवत

नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने देश में घटती जनसंख्या वृद्धि दर को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अगर किसी देश की जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे चली जाती है तो वह समाज धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है।

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भागवत ने कहा, आधुनिक जनसंख्या विज्ञान कहता है कि 2.1 की जनसंख्या वृद्धि दर एक समाज के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। अगर यह दर कम हो जाती है तो कई भाषाएं और संस्कृतियां विलुप्त हो सकती हैं। उन्होंने आगे कहा, हमारे देश की जनसंख्या नीति भी 2.1 की वृद्धि दर को लक्ष्य रखती है। इसका मतलब है कि एक दंपति को औसतन दो से ज़्यादा बच्चे होने चाहिए।

भागवत ने अपने बयान में परिवार नियोजन के महत्व को भी रेखांकित किया और कहा कि परिवार नियोजन के साथ-साथ जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक मजबूत और स्वस्थ समाज के लिए पर्याप्त जनसंख्या होना आवश्यक है।

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