ब्रेकिंग न्यूज: कालिंदी एक्सप्रेस को बर्निंग ट्रेन बनाने की साजिश, सिलेंडर टकराया, तब ट्रेन की रफ्तार 100KMPH थी, पेट्रोल छिड़कने के निशान, बारूद मिला

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में रविवार रात कालिंदी एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त करने के लिए बड़ी साजिश रची गई थी। साजिशकर्ताओं ने बर्राजपुर स्टेशन के आगे ट्रैक पर बिछी गिट्टी को हटाकर सिलिंडर गाड़ दिया था। इसके अलावा पास में पेट्रोल बम व बारूद भी रख दिया ताकि धमाके की चपेट में कई बोगियां आ जाएं और व्यापक पैमाने पर जनहानि हो। इस साजिश के पीछे जांच एजेंसियों को आईएसआईएस के खुरासान माड्यूल का हाथ होने की आशंका है। एनआईए की पांच सदस्यीय टीम व एटीएस ने घटना की जांच शुरू कर दी है।

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कालिंदी एक्सप्रेस रविवार शाम 7.24 बजे भिवानी के लिए निकली थी। रात करीब 8.35 बजे बर्राजपुर स्टेशन पार करने के बाद जैसे ही आगे बढ़ी, ट्रेन पटरी के बीच में रखे गैस से भरे हुए LPG सिलिंडर से टकरा गई। चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका। गनीमत रही कि ट्रेन से टकराने के बाद गैस से भरा सिलिंडर ट्रैक से छिटककर दूर जा गिरा। जिससे किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई। एक बड़ा हादसा होने से बच गया। इससे पहले शाम 5:12 बजे कासगंज-अनवरगंज एक्सप्रेस इसी रूट से गुजरी थी। दो ट्रेनों के बीच के तीन घंटे 25 मिनट के समय अंतराल के दौरान साजिशकर्ताओं ने पूरी वारदात को अंजाम दिया। मौके पर जांच करने पहुंचे आईजी एटीएस नीलाब्जा चौधरी ने भी इस घटना को साजिश बताया है।

घटनास्थल के पास मिली पेट्रोल से भरी बोतल, झोले में मिली बारूद जैसी सामग्री भी इसी ओर इशारा कर रही हैं। मौके पर पहुंची एनआईए एटीएस, एसटीएफ, आईबी आदि एजेंसियों ने भी जांच शुरू कर दी है। रेलवे के बरेली डिवीजन के इंजीनियर की तहरीर पर शिवराजपुर थाने में एक अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस दो हिस्ट्रीशीटर समेत 14 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। ट्रेन को डिरेल करने के लिए भरे गैस सिलिंडर को स्लीपर के बीच गिट्टी में धंसा दिया था, ताकि टकराने पर धमाके के साथ ट्रेन बेटरी हो जाए। पर सिलिंडर ट्रेन के साथ 53 स्लीपर तक लुढ़कता गया और सात बार स्लीपरों से टकराकर पिचक गया। 32 मीटर तक घिसटने के बाद ट्रैक से 5.80 मीटर दूर जा गिरा।

ट्रैक पर सिलिंडर को इसलिए गाड़ा गया ताकि ट्रेन उससे टकरा कर पलट जाए अथवा सिलिंडर में ब्लास्ट हो जाए। इसके अलावा पेट्रोल बम की सुतली को सिलिंडर की नोजल से जोड़ दिया गया था और ट्रैक के पास बारूद भी रख दिया गया। मंशा यह थी सिलिंडर से टकराने के बाद अगर वह नहीं फटा तो रगड़ से चिंगारी पेट्रोल बम व बारूद तक पहुंच जाए। सिलिंडर या पेट्रोल बम व विस्फोटक में धमाका हो जाता तो पूरी ट्रेन आग की चपेट में आ जाती, जिससे बड़े पैमाने पर जनहानि हो सकती थी। मौके पर मिला विस्फोटक पदार्थ प्रथम दृष्टया जांच में अमोनियम नाइट्रेट बताया गया है। वहीं, एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट राहुल देव का कहना है कि घटनास्थल से मिला पीला पाउडर गंधक है।

कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश के पीछे आतंकी संगठन आईएस के खुरासान माड्यूल पर जांच एजेंसियों को शक गहराता जा रहा है। इसी वजह से आईबी, एनआईए, यूपी एटीएस समेत कई एजेंसियों ने कानपुर में डेरा डाल दिया है और साजिश से जुड़े हर पहलू की गहनता से जांच की जा रही है। दरअसल, बीते दिनों जांच एजेंसियों को इस बाबत एक अलर्ट भी मिला था, जिसमें देश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और रेलवे को निशाना बनाए जाने की चेतावनी दी गई थी। कानपुर में बीते एक माह में रेलवे ट्रैक को क्षतिग्रस्त करके ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश सामने आने के बाद खुरासान माड्यूल शक के दायरे में है।

इस माड्यूल ने वर्ष 2017 में भोपाल रेलवे स्टेशन पर पैंसेजर ट्रेन में टाइम बम रखा था, जिसमें विस्फोट होने से कई यात्री घायल हो गए थे। वर्ष 2017 में कानपुर देहात के पुखराया में भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस पर भी इसी तरह निशाना बनाया गया था। रेलवे ट्रैक पर जिस मिठाई के डिब्बे और झोले में बारूद मिला है, वह कन्नौज के छिबरामऊ की सियाराम नाम की मिठाई की दुकान का है। पुलिस की टीम सोमवार सुबह इसकी तलाश में पहुंची तो पता लगा कि सियाराम नाम की नगर में तीन दुकानें हैं। इसके बाद तीनों दुकानों पर जांच की गई। दो दुकानों से टीम ने झोले और सीसीटीवी की डीवीआर जब्त की।

एडिशनल पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था हरीश चंदर के मुताबिक सोमवार को जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी जाएगी। वहीं इस साजिश के पीछे आतंकी संगठन आईएस के खुरासान माड्यूल पर जांच एजेंसियों को शक गहराता जा रहा है। फिलहाल एजेंसियों को कोई अहम सुराग नहीं मिला है, लेकिन माना जा रहा है कि यह रेलवे पर लोन वुल्फ अटैक की कोशिश है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि कानपुर में ट्रेन को निशाना बनाने के हर पहलू की गहनता से जांच की जा रही है।

उत्तर प्रदेश के अनवरगंज-कासगंज रूट पर कानपुर से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस (14117) रविवार रात पलटने से बच गई। ट्रैक पर भरा सिलिंडर रख ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश रची गई थी। बर्राजपुर और बिल्हौर के बीच 100 किमी की रफ्तार से दौड़ रही ट्रेन जब सिलिंडर से टकराई तो तेज आवाज हुई। इसके बाद लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। रेलवे और आरपीएफ अधिकारियों को घटनास्थल से सिलिंडर के अलावा कांच की बत्ती लगी बोतल, माचिस और एक संदिग्ध झोला मिला। कन्नौज के आरपीएफ इंस्पेक्टर ओपी मीणा ने ड्रैगन और सर्च लाइट की मदद से रेलवे ट्रैक और आसपास झाड़ियों की जांच की। आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट एमएस खान ने बताया कि मौके से भरा हुआ एलपीजी सिलिंडर, माचिस, बोतल और अन्य संवेदनशील वस्तुएं बरामद हुई हैं। कानपुर के पनकी में वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस 17 अगस्त को बोल्डर से टकरा गई थी, जिससे ट्रेन के सभी डिब्बे पटरी से उतर गए थे। ट्रैक के पास से लोहे का एंगल मिला था। हालांकि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। इस मामले की जांच अभी चल रही है।

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