प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना से मिल रहा कारीगरों और शिल्पकारों को सम्मान : कश्यप

शिमला ब्यूरो सुभाष शर्मा 16/05/2024

Advertisement

प्रधानमंत्री मोदी की ’वोकल फॉर लोकल’ पहल, भारतीय हस्तकला को विश्व मंच पर उचाईयों तक पहुंचाना

विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना, पारंपरिक शिल्पकारों के लिए आधुनिक युग में सहायता की पहल
नाहन :- भाजपा सांसद एंव शिमला संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी सुरेश कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आज नई ऊंचाईयों को छू रहा है जिससे आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को नई पहचान मिली है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में ऐसी कई स्कीमों की शुरूआत की जिसका फायदा गरीब वर्गों को हो रहा है। जहां लोगों को सब्सिडी या फिर आर्थिक लाभ दिए जा रहें हैं। इसी क्रम में एक योजना प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना हैं।

उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना एक ऐसी स्कीम है जिसका मकसद अपने हाथों और औज़ारां की मदद से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करना हैं। इस योजना को मुख्यतौर पर 18 पारंपरिक व्यापारों से जोड़ा गया हैं ताकि इनसे जुड़े लोगों को लाभ मिल सकें। इस योजना के अतंर्गत बढ़ई, नाव निर्माता, हथियार निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूल निर्माता, ताला बनाने वाला, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार (मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला, मोची/जूता कारीगर , राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाडू निर्माता/कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता, नाई, माला बनाने वाला , धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाला निर्माण में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल किया गया।

सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ’वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा देते हैं व स्थानीय कारीगरों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को उपहार में देकर भारतीय हस्तकला के अंतराष्ट्रीय एंबेसेडर बन गए हैं। उन्हांने कहा कि यह न केवल हस्त शिल्पकारों के कौशल को प्रदर्शित करता है, बल्कि उन्हें सशक्त भी बनाता है, जो दुनिया भर में भारतीय हथकरघा और हस्तशिल्प के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में प्रस्थापित हो रहा है, जो विकसित भारत की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है। कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के मौकों पर प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल की टोपी पहनी है व हिमाचल का चंबा थाल और रूमाल भेंट भी किया हैं। इसके साथ ही मंडी से प्रत्याशी कंगना रनौत पारंपरिक परिधानों के प्रचार हेतु अपनी चुनावी जनसभाआें में हिमाचल के परिधानों का प्रयोग कर रहीं हैं जिसके पिछे उनका विज़न हिमाचली हस्तशिल्प को विश्व स्तर पर प्रचारित करके उसकी पहचान बनाना हैं। हिमाचल का डांगरू, लोईया, चंबा थाल व रूमाल, पहाड़ी टोपी, कुल्लू शौल ऐसे उत्पाद है जिनको विश्वस्तर पर बड़ी पहचान प्राप्त हैं। उन्होंने कहा कि हमें केन्द्र की इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए व इस तरह की प्रभावशाली योजनाओं को निकट भविष्य में चलाने व इसमें भविष्य तलाश करने के लिए एक विज़नरी नेतृत्व की आवश्यकता है जो कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत को मिला हैं। आज विश्व की 11 वीं अर्थव्यवस्था से भारत 5 वें पायदान पर पहुंचा हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लेकर भाजपा कार्य कर रही हैं।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या हिमाचल की सरकार अपने कार्यकाल के 5 साल पूरे करेगी

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000