एनपीए नहीं देने से चिकित्सकों में आक्रोश, रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी काले बिल्ले लगाकर दी ड्यूटी

इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन और फैकल्टी ने भी काले बिल्ले लगाकर ड्यूटी दी। डॉक्टरों का कहना है कि वह 7 फरवरी तक सरकार के आदेशों का इंतजार करेंगे। इसके बाद ही अन्य कदम उठाएंगे। हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ के महासचिव डॉ. विकास ठाकुर ने कहा कि हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ की अगुवाई में जिला शिमला में पौने तीन सौ के करीब डॉक्टर नॉन प्रैक्टिस अलाउंस (एनपीए) नहीं देने समेत विभिन्न मांगों को लेकर विरोध स्वरूप काले बिल्ले लगाकर ड्यूटी दे रहे हैं। अब इस आंदोलन में आईजीएमसी की आरडीए और फैकल्टी भी जुड़ गई है।                                                                                                                                                              डॉक्टरों की मांगों को लेकर सरकार ने बैठक की तारीख तय नहीं की है, ऐसे में संघ का कहना है कि वह 7 फरवरी तक ही इंतजार करेंगे। इसके बाद कलम छोड़ हड़ताल समेत अन्य कड़े कदम उठाए जाएंगे। डॉक्टर हड़ताल पर जाते हैं तो स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा सकती हैं। अभी जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में ही विरोध हो रहा था। अब आईजीएमसी के डॉक्टरों के साथ जुड़ने से संघ ने सरकार को बड़ा संदेश भेज दिया है कि मांगों लेकर सभी एकजुट हैं। आईजीएमसी में रोजाना हजारों मरीज उपचार करवाने के लिए आते है। ऐसे में अगर यहां पर व्यवस्था ठप होती है तो मरीजों को परेशान होना पड़ेगा।

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