विशेष अभियान : पिछली सदी में दर्ज मुकदमे की अब फाइल हुई चार्जशीट, एसपी गौरव सिंह के विशेष अभियान से 30 मुकदमों में जगी न्याय की उम्मीद

सोलन। जिला पुलिस इन दिनों पुराने ऐसे मामलों की जांच पूरी करने में जुटी है जिनकी जांच किन्ही वजहों से चार्जशीट में तब्दील नहीं हो पाई। इनमें से एक मामला पिछली शताब्दी का भी है। 1999 में परवाणू थाने में दर्ज किए गए इस मामले की जांच पूरे 25 साल बाद पूरी हो सकी है। इसके अलावा 17 अन्य मामले भी है जिनकी जिला पुलिस द्वारा छेड़े गए विशेष अभियान के तहत जांच पूरी की गई है। इनमें से अधिकांश मामले धोखाधड़ी की प्रकृति के हैं।

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सोलन जिला पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा जहाँ एक ओर नशा तस्करों, चोरों, गैर सामाजिक तत्वों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये इनकी गतिविधियों पर नकेल कसने में कामयाबी हासिल की है, वहीं दूसरी तरफ अपराधिक मामलों की अन्वेषण प्रक्रिया में गुणवता लाने तथा जांच के दौर से गुजर रहे मुकदमों, विशेषतय: लम्बी अवधि से अन्वेषणाधीन तथा पुन: अन्वेषण के पुराने मामलों के निपटारे के लिये भी एक विशेष अभियान चलाया गया है ।

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इस विशेष अभियान के दौरान जिला सोलन के सालों पुराने लम्बित अन्वेषणाधीन अभियोगों की जाँच पूरी की गई है तथा इन मामलों में पीड़ितों को भी न्याय मिलने की आस जगी है । जिला पुलिस द्वारा चलाये गये इस विशेष अभियान के दौरान 18 ऐसे पुराने अभियोगों का निपटारा करके अदालतों को भेजा गया है, जो पिछले काफी सालों से पुन: अन्वेषण हेतू लम्बित थे । निपटाये गये पुन: अन्वेषण के इन 18 अभियोंगों में से अधिकतर धोखाधड़ी प्रकृति के हैं। इनमें सबसे पुराना मामला थाना परवाणू का वर्ष 1999 का है ।

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इसके अतिरिक्त पुन: अन्वेषण के निपटाये गये मामलों में वर्ष 2008 का 01 अभियोग, वर्ष 2009 के 02, वर्ष 2011 का 01, वर्ष 2013 के 02, वर्ष 2014 के 03, वर्ष 2015, 2016 तथा 2017 के 1—1, वर्ष 2018 के 02, तथा वर्ष 2019, 2020 व 2021 का भी 1—1 मुकदमे शामिल हैं ।

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इसी अभियान के दौरान जिला पुलिस द्वारा थाना परवाणू के धोखाधड़ी के साल 1999 के एक 25 वर्ष पुराने मामले का निपटारा करके आरोपी के विरूद्ध आरोपपत्र न्यायालय में पेश किया गया है ।

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इस मामले के अनुसार दिनांक 19 अप्रैल 1999 को परवाणू के सेक्टर एक निवासी आशीष दास गुप्ता ने पुलिस थाना परवाणू में शिकायत दर्ज करवाई थी कि वे Sirmour Sudburg Private Limited कम्पनी के प्रबन्ध निदेशक थे। इनकी उक्त कम्पनी में सतविन्द्र सिंह और दो अन्य व्यक्ति निदेशक के पद कार्यरत थे। इसके अतिरिक्त यह Parwanoo Enterprises Private Limited (PEPL) के भी निदेशक हैं । इस कम्पनी में इनके 75% शेयर थे जबकि 25% बाकि के शेयर में सतविन्द्र सिंह हिस्सेदार था ।

परन्तु बाद में एक विवाद के कारण कम्पनी का रिकार्ड दूसरे आफिस में शिफ्ट किया गया तो ज्ञात हुआ कि इसी दौरान कम्पनी के रिकार्ड की कुछ महत्वपूर्ण फाईलें व दस्तावेज गायब है । इनमें वे सभी दस्तावेज गायब थे जो कम्पनी में इनकी हिस्सेदारी स्थापित करते थे । जाँच में पता चला कि सतविन्द्र सिंह ने कम्पनी की तरफ से रजिस्ट्रार आफ कंपनीज जालंधर के कार्यालय में एक वार्षिक रिटर्न में असल तारीख में छेड़छाड़ करके 30सितंबर 1997 को फाईल की।

जिसमें उसने षडयन्त्र करके दिखाया कि शिकायतकर्ता ने कम्पनी में अपनी मलकीयत उसको बेच दी है । उक्त कार्यालय में पता करने पर इन्हें ज्ञात हुआ कि सतविन्द्र सिंह ने षडयन्त्र करके जाली दस्तावेज तैयार करके धोखाधड़ी से इसके शेयर अपने नाम करवा लिये तथा इसे निदेशक पद से हटाकर इसकी जगह 31 फरवरी 1997 को एक दूसरे व्यक्ति को अपनी मर्जी से उक्त कम्पनी का निदेशक बना दिया ।

इसके अतिरिक्त सतविन्द्र सिंह ने रिकार्ड में छेड़छाड़ करके कम्पनी के शेयरों में इसकी हिस्सेदारी 75% से 37.50% कर दी । सतविन्द्र सिंह ने जाली दस्तावेज तैयार करके इन्हें करोड़ों रुपये सम्पति से नाजायज रूप से निकाल करके उक्त सम्पति को हड़पने की कोशिश की । जिस पर पुलिस थाना परवाणू में दिनांक 19 अप्रैल 1999 को धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। उस समय प्रारम्भिक जांच के दौरान इस अभियोग में खारिज रिपोर्ट तैयार की गई थी ।

मामले की जांच के दौरान आरोपी सतविन्द्र सिंह के नमूना हस्तलेख लेकर परीक्षण के लिये भेजे गये थे, जिनका आरोपी द्वारा लिखित विवादास्पद लेख के साथ मिलान होना पाया गया । इस मामले के आगामी अन्वेषण के दौरान पुलिस थाना परवाणू की टीम द्वारा धोखाधड़ी में संलिप्त आरोपी चंडीगढ़ निवासी सतविन्द्र की संलिप्तता पाये जाने पर उसके विरूद्ध आरोपपत्र तैयार करके 18 अक्टूबर 2024 को अदालत में पेश किया गया।

इस अभियोग की जांच के दौरान आरोपी सतविन्द्र सिंह द्वारा उपरोक्त कम्पनी के रिकार्ड में छेडछाड़ करना तथी कम्पनी की बहुमुल्य प्रतिभूतियों के सन्दर्भ में गलत दर्ज कराने का आरोप तय किया गया।

इसके अतिरिक्त जिला पुलिस द्वारा विगत एक वर्ष की अवधि के दौरान अन्वेषणाधीन संगीन श्रेणी के ऐसे 30 लम्बित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया गया है जो पिछले करीब 5 सालों से किसी न किसी वजह से अन्वेषणाधीन चले आ रहे थे । निपटाये गये मामलों में वर्ष 2019 का 01 अभियोग, वर्ष 2020, 2021 के दो — दो, वर्ष 2022 के 18 तथा वर्ष 2023 के 7 अभियोग शामिल हैं।

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