B.R.Sarena 03/03/25
हिमाचल पंचायत चुनाव: आरक्षित सीट के लिए अब आवश्यक होगा जाति प्रमाणपत्र, सरकार ने किए नियमों में संशोधन

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हिमाचल प्रदेश सरकार ने आगामी पंचायतीराज चुनावों के नियमों में बदलाव किया है। अब आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अपनी जाति का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। यह प्रमाणपत्र राज्य सरकार द्वारा अधिकृत सक्षम अधिकारी से प्रमाणित होना चाहिए, अन्यथा उम्मीदवार का नामांकन रद्द कर दिया जाएगा।

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सरकार ने इस संशोधन को हिमाचल प्रदेश पंचायती राज निर्वाचन संशोधन नियम 2025 के तहत अधिसूचित किया है। इससे पहले, केवल जाति की स्वघोषणा करने पर नामांकन स्वीकार कर लिया जाता था, लेकिन अब नियम 35 के उप-नियम 5 को जोड़ते हुए इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया गया है।

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इसके अलावा, नए नियमों के अनुसार, अब नामांकन पत्र में उम्मीदवार को अपनी जाति, जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की घोषणा करनी होगी और इसके समर्थन में सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित दस्तावेज़ संलग्न करना होगा। यह प्रावधान केवल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर लागू होगा।

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साथ ही, चुनाव प्रक्रिया में बदलाव करते हुए सरकार ने यह भी निर्धारित किया है कि अब प्रत्येक उम्मीदवार के लिए केवल एक ही प्रस्तावक होगा।

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प्रदेश में दिसंबर 2025 के बाद पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव प्रस्तावित हैं, और पंचायती राज विभाग ने इन चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

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