हैड़ाखान ब्रेकिंग: रोड पर चलना संभलकर…सिर पर कभी भी गिर सकते हैं बोल्डर, आए दिन होते हैं हादसे

नैनीताल। काठगोदाम-हैड़ाखान मार्ग पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। काठगोदाम से करीब पांच किमी दूर सड़क का 300 मीटर हिस्सा भू-स्खलन प्रभावित है। यहां पहाड़ी पर कई बड़े बोल्डर और पेड़ आधे हवा में लटके हुए हैं, जो किसी भी वक्त अनहोनी की वजह बन सकते हैं।

Advertisement

सड़क की हालत इतनी बदतर है कि दोपहिया वाहन आए दिन दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। ये मार्ग बरसात में अक्सर बंद रहता है। लोनिवि हर साल सड़क में आवागमन को सुचारू करने के लिए लाखों रुपये खर्च कर रहा है लेकिन अभी तक स्थायी या वैकल्पिक समाधान नहीं तलाश सका है। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र पर लोनिवि ने एक पोकलैंड मशीन हर वक्त तैनात की है।

9 नवंबर 2022 को भूकंप आने के बाद हैड़ाखान मार्ग में बिना बारिश के ही भूस्खलन हो गया था। पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा जमींदोज होने से 120 गांवों की 50 हजार से अधिक आबादी का संपर्क कई महीने तक कटा रहा। ग्रामीणों के उग्र आंदोलन के बाद सड़क को किसी तरह ठीक कर दिया गया था। इसके अलावा वैकल्पिक मार्ग बनाने के भी दावे किए गए, लेकिन वन नियमों के चलते ये योजना अभी तक परवान नहीं चढ़ सकी।

जान हथेली पर रखकर सफर करते हैं। किसी भी वक्त बोल्डर गिर सकते हैं। कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। बरसात में सड़क बंद हो जाती है। इसका स्थायी समाधान किया जाए।
– प्रताप सिंह, लुगड़ गांव।
बरसात में सड़क बंद होने से हजारों की आबादी प्रभावित रहती है। सड़क पर हर वक्त भूस्खलन का खतरा बना रहता है। सड़क का स्थायी ट्रीटमेंट किया जाए या वैकल्पिक मार्ग बनाया जाए।
– कमल बिष्ट, कुंडल गांव।

हैड़ाखान रोड पर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में 24 घंटे एक पोकलैंड मशीन तैनात की गई है। बारिश के समय एक जेसीबी मशीन भी हर वक्त तैनात की जाती हैं। सड़क के स्थायी ट्रीटमेंट के लिए प्रस्ताव भेजे गए हैं। प्रस्ताव स्वीकृत होने पर कार्य किए जाएंगे।
– मनोज पांडे, सहायक अभियंता, लोनिवि।

बीते दिनों हुई बरसात ने शहर के मुख्य और आंतरिक मार्गों को खस्ताहाल कर दिया है। सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढ़ों में सड़क है, इसका अनुमान लगाना भी मुश्किल है। पेयजल और सीवर लाइन डालने के बाद कई सड़कों की मरम्मत नहीं हुई। बारिश के दौरान सड़कों पर कीचड़ भी जमा हो रहा है। इससे आए दिन वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। बरसात में कई सड़के बच्चों और बुजुर्गों के चलने लायक तक नहीं हैं। रामपुर रोड, बरेली रोड, कालाढूंगी रोड और नवाबी रोड से सटे इलाकों में आंतरिक मार्गों के कमोबेश यही हाल हैं।

तीन किमी सड़क में 118 गड्ढे, एक साल पहले किया था पैच वर्क और डामरीकरण कमलुवागांजा गोविंदपुर गढ़वाल से छड़ायल तक तीन किमी सड़क मार्ग पर 118 गड्ढे हादसें को दावत दे रहे हैं। एक साल पहले बनी सड़क दुर्दशा की शिकार हो गई है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि डामरीकरण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया गया। सड़क बदहाल होने के कारण यहां आए दिन जाम लगता है। वहीं आरटीओ रोड की हालत भी खराब हो गई है। दो माह पूर्व इसे मिट्टी से पाट दिया गया था और अब तक सड़क पर डामरीकरण नहीं किया गया था।

 

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या हिमाचल की सरकार अपने कार्यकाल के 5 साल पूरे करेगी

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000