*हिमाचल पर्यटन निगम CBI से वसूलेगा अपने 21.96 लाख रुपए, 7 साल से हैं पेडिंग*

शिमला। हिमाचल प्रदेश का पर्यटन विकास निगम घाटे में चल रहा है। इसका बड़ा कारण पर्यटन निगम के बिलों का समय पर भुगतान ना होना भी है। ऐसा ही एक करीब 22 लाख का बिल पिछले सात सालों से पर्यटन निगम को नहीं मिला है। यह बिल तीन विभागों में फुटबॉल की तरह यहां से वहां उछल रहा है, लेकिन इसे वहन कोई नहीं कर रहा है। अब इस बिल को वसूलने के लिए पर्यटन निगम कानूनी लड़ाई लड़ने जा रहा है।

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निगम को नहीं मिल रहे 21.96 लाख

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दरअसल यह बिल सीबीआई के रहने खाने का है। सीबीआई साल 2017 में हिमाचल में बहुचर्चित गुड़िया रेप और मर्डर केस की जांच के लिए हिमाचल आई थी। इस दौरान करीब डेढ़ साल तक सीबीआई हिमाचल के राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ शिमला में रूकी रही। उनके रहने खाने का प्रबंध पर्यटन निगम ने किया था। जिसका सारा खर्च 21.96 लाख रुपए बना था। जिसका सात साल बीत जाने के बाद भी वहन नहीं किया गया है।

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सीबीआई के रहने खाने का बना था 21.96 लाख का बिल
बता दंे कि हिमाचल में करीब सात साल पहले गुड़िया केस हुआ था। इस मामले की जांच को सीबीआई को सौंपा गया था। गुड़िया केस की जांच के लिए सीबीआई शिमला आई थी और यहां पर राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ शिमला के छह कमरों में कई महीनों तक रूकी। सीबीआई की टीम पीटरहॉफ शिमला में वर्ष 2017 और 2018 में करीब डेढ़ साल तक सरकारी मेहमान बनकर रही। इनके पास छह कमरे थे। यहां सीबीआई ने अपना बेस कैंप बनाया था।

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जीएडी को वहन करना था खर्चा
उस दौरान सीबीआई के रहने से लेकर खाने पीने का प्रबंध निगम ने किया था। जिसका पूरा खर्च 21.96 लाख रुपए बनता है। हालांकि सरकारी मेहमान का सारा खर्च राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) वहन करता है। लेकिन इस मामले में जीएडी ने भी अपना पल्ला झाड़ लिया और निगम का बिल देने से इंकार कर दिया। जिसके बाद निगम ने सीबीआई के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय को इन पैसों की वसूली के लिए पत्र लिखा था और साथ में 21.96 लाख का बिल भेजा था। लेकिन सीबीआई ने भी इस बिल को देने से इंकार कर दिया।

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कांग्रेस सरकार में हुआ था गुड़िया केस

बहुचर्चित गुड़िया मामले की जांच के लिए सीबीआई टीम पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में यहां आई थी। उस वक्त शुरू हुई यह मेहमाननवाजी भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद भी लंबे समय तक चलती रही। हालांकि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में निगम ने करीब 21,96,590 रुपये के बिल बनाकर सामान्य प्रशासन विभाग को दे दिए थे, पर इनका भुगतान नहीं किया जा सका।

सीबीआई ने भी पैसे देने से किया इंकार

इसी बीच हिमाचल में सुक्खू सरकार बनी। कांग्रेस ने इस मामले की समीक्षा करते हुए तय किया कि सीबीआई के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय को ही भुगतान के लिए पत्र लिखा जाए। लेकिन नई दिल्ली से सीबीआई की एससी.एक शाखा के पुलिस अधीक्षक राजपाल सिंह ने जवाबी पत्र भेजा कि यह भुगतान सीबीआई नहीं कर पाएगी। कानूनन राज्य सरकार को ही सीबीआई के ठहराव की व्यवस्था करनी थी।

किसी भी विभाग से पैसे ना मिलने के बाद अब पर्यटन निगम ने अपने बिलों की वसूली के लिए कानूनी राय लेने का निर्णय लिया है। ताकि इस राशि की वसूली की जा सके। बता दें कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम पहले ही घाटे में चल रहा है। उसे उवारने के लिए यह राशि काफी मायने रखती है। लेकिन अब देखना यह है कि निगम को यह राशि कब और कौन से विभाग को मिलती है।

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