युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा तथा प्रशिक्षण को दी जा रही प्राथमिकता: धर्माणी बेले, राज्य के विकास में स्व जीएस बाली का रहा अमूल्य योगदान बाल मेले में दूसरे दिन मेगा मेडिकल कैंप का किया शुभारंभ

ब्रह्मू राम सरेना धर्मशाला, 27 जुलाई।
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा तथा प्रशिक्षण पर भी विशेष बल दिया जाएगा, वर्तमान दौर में निजी क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार युवाओं को तैयार किया जाएगा ताकि युवाओं को आसानी से रोजगार प्राप्त हो सके।
रविवार को नगरोटा में स्व जीएस बाली के जन्म दिन पर दूसरे दिन मेगा मेडिकल कैंप के शुभारंभ करने के उपरांत तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि राज्य के विकास में स्व जीएस बाली का अमूल्य योगदान रहा है तथा उनके तकनीकी शिक्षा तथा परिवहन की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे जिसका लाभ आज प्रदेश को मिल रहा है।

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तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्व जीएस बाली के योगदान को देखते हुए कांगड़ा के बहुतकनीकी संस्थान का नामकरण जीएस बाली के नाम से नामकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के युवाओं का कौशल उन्नयन कर उद्योगों की मांग के अनुसार उन्हें प्रशिक्षण प्रदान कर रही है।
हिमाचल में रोजगार स्वरोजगार तथा उद्यमिता को बढ़ावा देेने के उद्देश्य से नवीन पहलों के माध्यम से कौशल विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। निरंतर बदलते परिवेश में बच्चों को नए युग की तकनीकों और सूचना प्रौद्योगिकी का विशेषज्ञ बनाने की मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की संकल्पना को साकार करने की दिशा में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सेमिकंडक्टर के क्षेत्र में भी युवाओं को नए अवसर प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। इस दिशा में राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों के 20 प्रशिक्षकों को आईआईटी रोपड़ और दिल्ली में सेमिकंडक्टर इको.सिस्टम का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रदेश सरकार राज्य में सेमिकंडक्टर उद्योग स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है।
सरकार की इस नवीन पहल का उद्देश्य युवाओं के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करना और प्रदेश में प्रोद्यौगिकी के विकास को बढ़ावा देना है। बहुतकनीकी एवं इंजीनियरिंग के 10 संकाय सदस्यों और 6 विद्यार्थियों को भारतीय सूचना प्रौद्यागिकी संस्थान ऊना में मशीन लर्निंग से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील राज्य हैए इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार युवाओं को ड्रोन प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण प्रदान करने की दिशा में भी कार्य कर रही है। ड्रोन प्रौद्योगिकी आपदा प्रतिक्रिया प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रदेश के 11 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में युवाओं को ड्रोन से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसके तहत 128 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं। सरकार के यह प्रयास हिमाचल को आईटी हब के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए व्यापक स्तर पर सुधार किए जा रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश मेें 363 तकनीकी शिक्षा एवं औद्योगिक शिक्षा संस्थान कार्यरत हैं। युवाओं को बेहतर प्लेसमेंट के अवसर प्रदान करने के लिए रोजगार मेलों व कैम्पस इंटरव्यू का आयोजन भी निरंतर करवाया जाता है।

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