मेडिकल अधिकारियों के लिए फोरेंसिक साक्ष्य संग्रह पर कार्यशाला आयोजित

शिमला, भारत केसरी टीवी 12 मार्च, 2025

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जिला शिमला के जुंगा स्थित न्यायालयिक सेवाएं निदेशालय द्वारा आज डीएनए प्रोफाइलिंग और फोरेंसिक विष विज्ञान के लिए जैविक नमूनों के संग्रह और संरक्षण पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रदेश के विभिन्न जिलों के मेडिकल अधिकारियों को वैज्ञानिक तरीकों से जैविक और भौतिक साक्ष्यों के संग्रह और संरक्षण में दक्ष बनाना था।

न्यायालयिक सेवाएं विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि यह पहल हिमाचल प्रदेश फोरेंसिक विकास बोर्ड की बैठक का हिस्सा थी, जो पिछले वर्ष मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हुई थी।

फोरेंसिक सेवाओं की निदेशक डॉ. मीनाक्षी महाजन ने कहा कि डीएनए साक्ष्य अपराध जांच में विशेष रूप से यौन उत्पीड़न और हत्या जैसे मामलों में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यह भी जोर दिया कि साक्ष्यों के उचित संग्रह और संरक्षित रखने की प्रक्रिया तथा मेडिकल अधिकारियों के फोरेंसिक ज्ञान को अद्यतन करने की आवश्यकता है।

प्रवक्ता ने बताया कि राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला (SFSL), जुंगा नियमित रूप से पुलिस जांच अधिकारियों, मेडिकल अधिकारियों और अभियोजन अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण आयोजित करती है, ताकि प्रदेश में फोरेंसिक प्रक्रियाओं को मजबूत किया जा सके। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 176(3) के तहत उन मामलों में, जहां सजा सात वर्ष या उससे अधिक की हो सकती है, फोरेंसिक विशेषज्ञों का अपराध स्थल पर जाना अनिवार्य किया गया है।

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