मंदिरों के पास 346 करोड़ रुपए, सुखाश्रय में स्वेच्छा से दे सकते हैं मदद, नहीं दिए कोई आदेश*

B.R.Sarena 20/03/25
सुखाश्रय में स्वेच्छा से दे सकते हैं मदद, नहीं दिए कोई आदेश
प्रदेश के बड़े मंदिर न्यास जैसे माता चिंतपूर्णी, श्री नयना देवीजी, बाबा बालकनाथ मंदिर शाहतलाई, बाबा बालकनाथ मंदिर दियोट सिद्ध, माता ज्वालामुखी मंदिर, ब्रजेश्वरी मंदिर कांगड़ा, राम गोपाल मंदिर डमटाल, चामुंडा मंदिर, भीमाकाली मंदिर, तारादेवी मंदिर, हनुमान मंदिर जाखू, दुर्गा माता मंदिर हाटकोटी, महामाया बालासुंदरी त्रिलोकपुर, शूलिनी माता मंदिर सोलन के बैंक खातों में 31 दिसंबर, 2024 तक कुल 346,26,87,485 की राशि उपलब्ध है। राज्य सरकार ने मंदिर समितियों और न्यासों से मुख्यमंत्री सुखाश्रय व सुख शिक्षा योजना के लिए आर्थिक सहयोग के लिए कोई निवेदन नहीं किया है। भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग ने 29 जनवरी को सभी आयुक्त (मंदिरों) को दिशा निर्देश जारी किए हैं कि मंदिर न्यासों द्वारा धर्मार्थ गतिविधियों और कल्याणकारी योजनाओं के लिए उपलब्ध करवाई जा रही धनराशि के साथ मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष एवं सुख शिक्षा कोष में अंशदान देने पर विचार किया जा सकता है।
यह केवल एक स्वैच्छिक विकल्प के रूप में है, कोई निर्देश अथवा आदेश नहीं है। विधायक त्रिलोक जम्वाल और विपिन सिंह परमार के प्रश्न के लिखित उत्तर में सरकार ने यह जानकारी दी। सरकार ने बताया कि दो वर्षों में मंदिर ट्रस्टों से प्रदेश सरकार को कोई भी धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। प्रदेश में कुल 36 मंदिर सरकार के अधीन हैं। इनकी वर्ष 2024 की कुल वार्षिक आय दो अरब 59 लाख 51 हजार 389 रुपए है।

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