पिता के बाद बेटी भी छोड़ गई दुनिया: यूपी बोर्ड रिजल्ट देख टूट गई अंजली, हिंदी में 30; सोसोलॉजी में आए 15 नंबर

अंजली ने बताया कि वह फेल हो गई और कमरे में चले गई। बहन को परेशान देख कर तनिष्क कमरे से बाहर आ गया और उससे ज्यादा सवाल नहीं किए। शाम चार बजे करीब कमरे के अंदर से अंजली की चीख सुनाई दी।

हिंदी और समाज शास्त्र विषय में फेल होने पर इंटरमीडिएट की छात्रा अंजली (17) ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है। घर में सबसे बड़ी होने के कारण काम और जिम्मेदारी का बोझ भी था। बताया गया कि करीब तीन माह पूर्व अंजली के पिता की भी कैंसर बीमारी से जूझते हुए मौत हो गई थी।

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रिजल्ट को लेकर उत्साहित थी अंजली
खुर्जा जंक्शन क्षेत्र के इब्राहिमपुर जुनेदपुर उर्फ मौजपुर गांव निवासी 17 वर्षीय अंजली खुर्जा के महादेवी अयोध्या नाथ कन्या इंटर कॉलेज में इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रही थी। अंजली के भाई तनिष्क ने बताया कि शुक्रवार को इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम आने वाला था, जिसको लेकर अंजली काफी उत्साहित थी। दोपहर को अंजली अपनी सहेलियों के साथ दुकान पर रिजल्ट देखने चली गई थी। दोपहर करीब दो बजे घर में रोते हुए आई। मां घर पर नहीं थी, तो भाई ने उससे रोने का कारण पूछा।

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सल्फास की गोलियां खाकर दी जान
अंजली ने बताया कि वह फेल हो गई और कमरे में चले गई। बहन को परेशान देख कर तनिष्क कमरे से बाहर आ गया और उससे ज्यादा सवाल नहीं किए। शाम चार बजे करीब कमरे के अंदर से अंजली की चीख सुनाई दी। तनिष्क कमरे में भागा तो वह तड़प रही थी और कमरे में रखी गेहूं टंकी के पास सल्फास की कुछ गोली पड़ी थी। तनिष्क ने आस-पास लोगों को आवाज लगाई। कुछ देर बाद मां शीला भी घर आ गई। परिजन अंजली को पहले जेवर मार्ग स्थित निजी अस्पताल लेकर गए। जहां पर शाम तक उसकी तबीयत ठीक नहीं हो सकी।

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हिंदी में 30 और समाज शास्त्र में आए थे 15 नंबर
इसके बाद उसको कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया, जहां देर रात उपचार के दौरान अंजली ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद से गांव में मातम पसर गया। वहीं परिजनों ने पोस्टमार्टम और अन्य कानूनी कार्रवाई नहीं करने को लेकर पुलिस को पत्र सौंपा। शनिवार दोपहर को गमगीन माहौल में अंजली का अंतिम संस्कार किया गया। मां शीला देवी ने बताया कि अंजली के हिंदी विषय में 30 और समाज शास्त्र में 15 नंबर आए थे। दोनों विषय में फेल होने के कारण वह परेशान हो गई थी और सल्फास की गोली का सेवन कर लिया।

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पिता की मौत के बाद से परेशान रहने लगी थी अंजली
अंजली के पिता उमेश की 11 जनवरी को कैंसर से मौत हो गई थी। चाचा कालू ने बताया कि पिता की मौत के बाद से अंजली काफी परेशान रहने लगी थी। पिता की मौत के अवसाद के कारण फरवरी में हुई बोर्ड परीक्षा ठीक से नहीं दे सकी। घर में उससे छोटा भाई तनिष्क और बहन वाणी है। तीनों भाई-बहन में सबसे बड़ी होने के कारण घर में काम और भविष्य की भी जिम्मेदारी थी।

परीक्षा तो आती रहती हैं, लेकिन जीवन अनमोल है
यह स्कूल परिवार के लिए दुख की घटना है। इस तरह से बच्चों को हताश नहीं होना चाहिए। पहले भी कुछ बच्चों के कम अंक आए हैं और वह फेल हुए हैं, लेकिन, उन्होंने फिर से परिश्रम किया तो वह बेहतर अंक से उत्तीर्ण हुए हैं। बच्चों से अपील की गई है कि वह कम अंक को अंतिम लक्ष्य नहीं समझें। परीक्षा तो आती रहती हैं, लेकिन जीवन अनमोल है।

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