तकनीक से शिक्षण की नई उड़ान: गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सी.बी.एस.ई. की “अनुभवात्मक अधिगम एवं प्रौद्योगिकी-सम्मिलित STEM शिक्षा” पर राष्ट्रीय कार्यशाला का सफल आयोजन ।

सोलन,मदन शर्मा 29 मई 2025:

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गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सोलन में “Experiential Learning through Motivational STEM” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन अत्यंत उत्साह और नवाचारपूर्ण वातावरण में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यशाला ने अनुभवात्मक अधिगम और आधुनिक STEM तकनीकों के समावेश के माध्यम से शिक्षण क्षेत्र को नई दिशा देने का कार्य किया।

कार्यशाला के प्रमुख विशेषज्ञ – प्रो. विवेक सहगल (विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस एवं आई टी) एवं डॉ. आशीष कुमार (प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, सिविल इंजीनियरिंग), जेपी यूनिवर्सिटी ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, वाकनाघाट से रहे, जिन्होंने प्रतिभागी शिक्षकों को अनुभवात्मक शिक्षण, परियोजना-आधारित अधिगम, AR/VR, कोडिंग, रोबोटिक्स तथा ICT के मूल्यांकन एवं कार्यान्वयन की रणनीतियों से अवगत कराया।

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चार सजीव तकनीकी सत्रों के माध्यम से संवादात्मक, प्रायोगिक एवं नवाचार-युक्त शिक्षण विधियों का प्रदर्शन किया गया, जिससे उपस्थित शिक्षकों को समकालीन तकनीकों से जुड़ने और पारंपरिक पद्धतियों से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।
विशेष उल्लेखनीय तथ्य यह रहा कि CBSE से संबद्ध विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों के साथ-साथ आयोजक विद्यालय गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षकों ने भी इस कार्यशाला में पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लिया।

यह केवल एक अवसर नहीं था, बल्कि इस बात का भी प्रमाण था कि विद्यालय इससे पूर्व भी ऐसी कई नवाचारी कार्यशालाओं की मेज़बानी करता रहा है, जो शिक्षा को जीवन से जोड़ने की दिशा में अहम भूमिका निभाते हैं।

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विद्यालय की प्राचार्या डॉ. लखविंदर कौर अरोड़ा ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा:“ शिक्षा का उद्देश्य केवल सूचनाएं देना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों में जिज्ञासा, रचनात्मकता और समाधान खोजने की क्षमता विकसित करना है। STEM आधारित अनुभवात्मक अधिगम वर्तमान युग की मांग है, और हम अपने शिक्षकों को इस दिशा में तैयार कर भविष्य के सशक्त भारत की नींव रखने में योगदान दे रहे हैं।”

डॉ. अरोड़ा ने सभी विशेषज्ञों, सहभागियों तथा आयोजन समिति का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए यह भी दोहराया कि गुरुकुल स्कूल भविष्य में भी इसी प्रकार के प्रेरक, प्रासंगिक और

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परिवर्तनशील कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा।
विद्यालय की आयोजन समिति एवं समर्पित टीम की सक्रिय सहभागिता ने इस कार्यशाला को एक प्रेरक और अनुकरणीय उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया, जो निश्चित ही शिक्षण की दुनिया में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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