शोध के लिए शूलिनी यूनिवर्सिटी, आरकेएमवी को आईसीएसएसआर अनुदान

सोलन मदन शर्मा 9 सितम्बर

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शूलिनी विश्वविद्यालय ने राजकीय कन्या महाविद्यालय (आरकेएमवी) के सहयोग से भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) से 25 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त किया है। अनुदान का उपयोग ‘हिमाचल में कृषि उद्यमिता की क्षमता निर्माण और युवा धारणा’ की जांच के लिए किया जाएगा।
इस पहल का उद्देश्य क्षेत्र के युवाओं के बीच कृषि उद्यमिता की समझ को बढ़ाना है। यह क्षमता निर्माण पहल पर ध्यान केंद्रित करता है जो महत्वाकांक्षी कृषि उद्यमियों को सशक्त बना सकता है।
शूलिनी विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन संकाय (एफएमएस) के नेतृत्व में और दोनों संस्थानों के समर्पित विद्वानों की एक टीम द्वारा यह अनुसंधान परियोजना पूरी की गयी । शूलिनी विश्वविद्यालय के प्रमुख योगदानकर्ताओं में प्रोफेसर नरिंदर वर्मा डीन एकेडमिक्स शूलिनी विश्वविद्यालय, डॉ. चंदर मोहन, एसोसिएट प्रोफेसर और डॉ. अभिलाषा चौहान सहायक प्रोफेसर, स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, शूलिनी विश्वविद्यालय शामिल हैं।
जबकि राजकीय कन्या महाविद्यालय (आरकेएमवी) शिमला का प्रतिनिधित्व एसोसिएट प्रोफेसर प्रोफेसर अनुरिता सक्सेना और इसके अतिरिक्त, आरकेएमवी शिमला के दो सहायक प्रोफेसर डॉ. मुनीश शर्मा और डॉ. रीनू देवी भी अनुसंधान परियोजना में प्रमुख योगदानकर्ता हैं।
यह शोध मुख्यमंत्री की स्टार्टअप योजना जैसी मौजूदा सरकारी पहलों का आकलन करके हिमाचल प्रदेश में उद्यमिता को बढ़ावा देने के व्यापक प्रयासों के साथ संरेखित है। इन कार्यक्रमों का मूल्यांकन करके, परियोजना का लक्ष्य उनकी प्रभावशीलता को उजागर करना और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करना है।

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