चंबल की पूर्व डकैत कुसुमा नाइन का लखनऊ में निधन, 20 वर्षों से काट रही थी उम्रकैद

सोलन मदन शर्मा भारत केसरी टीवी

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चंबल की कुख्यात पूर्व डकैत कुसुमा नाइन का शनिवार रात लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह लंबे समय से टीबी और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रही थी। इटावा जेल में 20 साल से उम्रकैद की सजा काट रही कुसुमा को एक महीने पहले सैफई से लखनऊ रेफर किया गया था।

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कुसुमा नाइन: एक दौर की खौफनाक दस्यु सुंदरी

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कुसुमा नाइन उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आतंक का पर्याय मानी जाती थी। वह चंबल के कुख्यात डकैत राम आसरे उर्फ फक्कड़ की सहयोगी रही थी। 1996 में भरेह इलाके में उसने दो मल्लाहों की आंखें निकालकर उन्हें जिंदा छोड़ दिया था, जिससे पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी।

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उस पर उत्तर प्रदेश में 200 से अधिक और मध्य प्रदेश में 35 से ज्यादा आपराधिक वारदातों का आरोप था। डकैती, हत्या, फिरौती और अपहरण जैसे गंभीर मामलों में शामिल कुसुमा नाइन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने 20,000 रुपये और मध्य प्रदेश सरकार ने 15,000 रुपये का इनाम घोषित किया था।

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2004 में किया था आत्मसमर्पण

आखिरकार, आठ जून 2004 को कुसुमा नाइन ने अपने गिरोह के साथ मध्य प्रदेश के भिंड जिले के दमोह पुलिस थाने की रावतपुरा चौकी पर आत्मसमर्पण कर दिया। इस समर्पण के दौरान गिरोह ने कई आधुनिक विदेशी हथियार भी पुलिस को सौंपे थे।

2017 में मिली उम्रकैद की सजा

उपनिदेशक गृह की हत्या और अपहरण के मामले में 2017 में फास्ट ट्रैक कोर्ट-52 ने कुसुमा नाइन और फक्कड़ बाबा को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उन पर 35,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

गवाही के आधार पर मिली सजा

इस मामले में मृतक अधिकारी के बेटे पवन कुमार शर्मा ने फक्कड़ बाबा और कुसुमा नाइन की पहचान की थी। उसके अलावा, सेवानिवृत्त एसआई वेद प्रकाश, चौकीदार मेवाराम, एसआई शिवसरन सिंह और अन्य गवाहों की गवाही के आधार पर कोर्ट ने दोनों अपराधियों को दोषी ठहराया था।

बीमारी और मौत

65 वर्षीय कुसुमा नाइन पिछले दो महीने से टीबी और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रही थी। इटावा जेल में उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे पहले जिला अस्पताल और फिर सैफई मेडिकल कॉलेज भेजा गया। हालत में सुधार न होने पर उसे लखनऊ रेफर किया गया, जहां शनिवार रात उसकी मौत हो गई।

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