विक्रमादित्य सिंह के बयान से कांग्रेस में दरार? क्या राहुल गांधी-प्रियंका गांधी में छिड़ी है कोई लड़ाई

शिमला। हाल ही में विक्रमादित्य सिंह ने बयान दिया था कि हिमाचल में भी यूपी की तर्ज पर स्ट्रीट वेंडर्स को अपनी दुकान के बाहर अपनी आईडी लगानी होगी। हिमाचल में विक्रमादित्य का ये बयान राहुल गांधी की ‘मोहब्बत की दुकान’ वाली पॉलिटिक्स में फिट होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। विक्रमादित्य के बयान पर देशभर में चर्चा होने लगी और राहुल गांधी की ‘मोहब्बत की दुकान’ वाली राजनीति पर देश की अन्य पार्टियों ने बयानों की बौछार कर दी।

Advertisement

बयान के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हुआ तो विक्रमादित्य सिंह को कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली दरबार में तलब किया. दिल्ली में इस बयान पर मंथन चल रहा था तो वहीं, हिमाचल में भी कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर बंटी हुई नजर आई। सीपीएस संजय अवस्थी ने विक्रमादित्य सिंह को जिम्मेदारी की घुट्टी पिला दी।उन्होंने कहा कि, ‘ऐसे बयान नहीं देने चाहिए, जिम्मेदारी बड़ी हो तो उसकी गंभीरता समझनी चाहिए’, लेकिन प्रदेश कांग्रेस के सबसे उम्रदराज नेताओं में से एक स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल विक्रमादित्य का समर्थन करते दिखे और अब हाईकमान ने उन्हें सीधे-सीधे कड़ाई से ऐसे बयान देने से परहेज करने को कहा है. इस मामले में कांग्रेस में संगठन और सरकार के बीच विरोधाभास बना है. सरकार की तरफ से स्थिति स्पष्ट करने के बावजूद मंत्री और संगठन के नेता माइक के आगे बोलने से संकोच नहीं कर रहे हैं।

Advertisement

‘ये प्रियंका गांधी-राहुल गांधी खेमे की लड़ाई’
संगठन और सरकार के बीच चल रहे विरोधाभास के बीच बीजेपी ने राजनीति की पिच पर एक नई गुगली फेंकी है। बीजेपी ने कांग्रेस के भीतर चल रहे इस विरोधाभास को राहुल गांधी बनाम प्रियंका गांधी का एंगल दे दिया है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि, ‘अब ये लड़ाई विक्रमादित्य सिंह और सीएम सुक्खू या प्रतिभा सिंह या सीएम सुक्खू के बीच नहीं है. जैसे ही विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल में यूपी मॉडल को लागू करने की मांग की, जो कांग्रेस इसे सांप्रदायिक बता रही थी वो इसमें फंस गई। कांग्रेस पार्ट ने राहुल गांधी के कैंप से एक के बाद एक बयान विक्रमादित्य सिंह पर देने शुरू कर दिए। केसी वेणुगोपाल ने फटकार भी लगाई और अपमानित भी किया। हिमाचल के लोग आज देख रहे हैं कि कांग्रेस कैसे वोट बैंक को जनता के हित के ऊपर रख रही है, लेकिन फटकार के बाद विक्रमादित्य सिंह के तेवर नहीं बदले. हिमाचल के मंत्री धनीराम शांडिल ने भी विक्रमादित्य सिंह का समर्थन किया है। यानि राहुल गांधी कैंप से लगातार फटकार लगने के बाद भी प्रियंका गांधी का खेमा कह रहा है कि वो अपनी बातों पर अड़िग रहेंगे. कुल मिलाकर तलवारें खिंच गई है। एक बात साफ है कि वोट बैंक की नीति पर चलते हुए कांग्रेस जनता की नीति और उसके लिए उठाए गए कदम को कैसे पीछे कर देती है। चाहे वो अनिरुद्ध सिंह हों या विक्रमादित्य सिंह हो या धनीराम शांडिल हों।’

Advertisement

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या हिमाचल की सरकार अपने कार्यकाल के 5 साल पूरे करेगी

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000