SFI जिला सोलन का रोहित शर्मा को जिला अध्यक्ष व रोहित वरधान को जिला सचिव के तौर पर किया चयनित ।

सोलन मदन शर्मा 14 दिसंबर

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SFI सोलन इकाई का 22 वां जिला सम्मेलन संपन्न हुआ। सम्मेलन ने जनवादी तरीके से रोहित शर्मा को जिला अध्यक्ष व रोहित वरधान को जिला सचिव के तौर पर चुनाव किया। सम्मेलन ने रोहित शर्मा, रोहित वर्धान, राघव, शिवानी, विकास बिरसांटा, साहिल ज़िंटा, धंराज , निशांत नेगी, आँचल, सचिन, संगीता, सानिया, विजय, बंधना, हितेश अत्री, आर्यन तथा 7 सदस्य सचिवालय का चुनाव किया गया।
सम्मेलन का उद्घाटन भूतपूर्व जिला सचिव मोहित ने किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में जिस तरीके से देश और प्रदेश में समावेशी व समतामूलक शिक्षा व्यवस्था पर हमले किए जा रहे हैं, यह हमारी लोकतांत्रिक शिक्षा प्रणाली पर सबसे बड़ी चुनौती है। केंद्र की मोदी सरकार ने 2020 में आपदा को अवसर के रूप में लेते हुए नई शिक्षा नीति 2020 को संसद में बिना चर्चा के छात्रों पर थोपने का काम किया। परिणाम स्वरूप शिक्षा को एक वस्तु की तरह बेचने का काम किया जा रहा है देश और प्रदेश में जिन महाविद्यालयों व विद्यालयों में 3000 से कम विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उनको जबरन बंद किया जा रहा है। वर्तमान समय में देश में लगभग 13 करोड़ बच्चे ऐसे हैं जो शिक्षा के मूल अधिकार से वंचित है। देश व प्रदेश में लगातार शैक्षणिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला फर्जीवाढ़े का सबसे बड़ा केंद्र उभरकर सामने आया है। 2020 -21 में प्रदेश में भूतपूर्व जयराम ठाकुर की सरकार ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में 200 से अधिक फर्जी प्रोफेसर भर्ती किए जिसका परिणाम यह है कि आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का शैक्षणिक स्तर लगातार गिरता जा रहा है। यह सम्मेलन आने वाले समय में शिक्षा की बेहतरी के लिए आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा।

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सम्मेलन के समक्ष राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 वापस लो, लिंग संवेदनशील कमेटी, छात्र संघ चुनाव बहाल करो, महिलाओं पर बढ़ते हमले, बढ़ती बेरोजगार, देश प्रदेश में बढ़ती सांप्रदायिकता व नफरत, नशे की चपेट में बढ़ता युवा इत्यादि पर सम्मेलन के समक्ष प्रस्ताव पढ़े गए। जिसे सम्मेलन ने सर्वे सहमति से लागू किया गया।

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अंत में एसएफआई राज्य उपाध्यक्ष सनी सेक्टा सम्मेलन का अवलोकन करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा बेरोजगार राज्य बन गया है। शिक्षा में हिमाचल प्रदेश का स्थान 21 नंबर पर पहुंच गया है। जहां से पता चलता है प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा किस तरीके से शिक्षा को एक वस्तु की तरह बेचा जा रहा है। हिमाचल प्रदेश लगातार कर्जे में डूबता जा रहा है। परिणाम स्वरूप प्रदेश सरकार न तो युवाओं को रोजगार दे पा रही है ना ही सरकारी संस्थानों व संस्थाओं को निजी हाथों में देने से बचा पा रही है। उन्होने बात रखते हुए कहा की आज प्रदेश में छात्रों के सामने सार्वजनिक शिक्षा को बचाने की लड़ाई को लड़ने की ज़रूत है यह सम्मेलन हिमाचल प्रदेश के 8 लाख बेरोजगार युवाओं के लिए आंदोलन का एक रास्ता तैयार करेगा।

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सम्मेलन ने सर्व सहमति से यह फैसला लागू किया कि प्रदेश में छात्रों के जनवादी अधिकारों के लिए लड़ने के ज़रूरत है और छात्रों के ऊपर थोपी जा रही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खिलाफ आंदोलन तेज़ करना होगा और प्रदेश में बढ़ रही लगातार सांप्रदायिकता व महिला उत्पीड़न के आने वाले समय में आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा।

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धन्यवाद।
एस एफ आई सोलन इकाई

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