‘My Deed’, संशोधित जमाबंदी, ई-रोजनामचा और कारगुजारी पोर्टल्स की शुरुआत, अब रजिस्ट्री के लिए केवल एक बार कार्यालय जाना पड़ेगा” – मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

शिमला मदन शर्मा 11 जुलाई, 2025

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राजस्व मामलों में पेपरलेस, प्रेजेंसलेस और कैशलेस प्रणाली लागू करने के निर्देश

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नागरिकों के लिए भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए ‘My Deed’ (नेशनल जनरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम) पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया। इसके अंतर्गत अब नागरिकों को रजिस्ट्री के लिए केवल एक बार ही कार्यालय जाना होगा और वे किसी भी समय, कहीं से भी आवेदन कर सकेंगे। इससे समय और श्रम की बचत होगी।

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यह पायलट प्रोजेक्ट राज्य के निम्नलिखित तहसीलों में शुरू किया गया है:
बिलासपुर सदर (बिलासपुर), डलहौजी (चंबा), गलोड़ (हमीरपुर), जयसिंहपुर (कांगड़ा), भुंतर (कुल्लू), पधर (मंडी), कुमारसैन (शिमला), राजगढ़ (सिरमौर), कंडाघाट (सोलन) और बंगाणा (ऊना)।

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इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने संशोधित जमाबंदी फॉर्मेट, ई-रोजनामचा वाक्यती, और कारगुजारी पोर्टल्स का भी शुभारंभ किया जो राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी और जनता के अनुकूल बनाएंगे।

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नई जमाबंदी को सरल हिंदी में बनाया गया है और उसमें उर्दू, अरबी तथा फारसी जैसी पुरानी भाषाओं को हटाया गया है, जिससे आम लोगों को भूमि अभिलेखों को समझने में आसानी होगी।

ई-रोजनामचा वाक्यती से पटवारी रोजाना की घटनाओं का डिजिटल रिकॉर्ड रख सकेंगे।

कारगुजारी पोर्टल के माध्यम से कर्मचारियों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज होगी और तहसीलदार उनके कार्यों की निगरानी कर सकेंगे।

ऑनलाइन म्युटेशन रजिस्टर को भी जल्द ही इससे जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल तकनीक का उपयोग सेवा में सुधार, पारदर्शिता लाने और लोगों को घर बैठे सुविधाएं देने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने पेपरलेस, प्रेजेंसलेस और कैशलेस व्यवस्था को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) और डिजिटल टेक्नोलॉजीज व गवर्नेंस विभाग को निर्देश दिए कि राजस्व सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए डिजिटल मॉड्यूल्स का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए।

डिजिटली साइन की गई जमाबंदी का मॉड्यूल 10 दिनों के भीतर तैयार करने के निर्देश दिए गए।

ऑनलाइन राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली 15 दिनों के भीतर तैयार की जाएगी ताकि लोग ऑनलाइन याचिका दाखिल कर सकें और डिजिटल रूप में समन व अपडेट प्राप्त कर सकें।

ऑनलाइन म्युटेशन मॉड्यूल भी 15 दिनों में तैयार कर इसे जमाबंदी रिकॉर्ड से जोड़ा जाएगा।

उन्होंने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि इन पहलों को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करें।

साथ ही उन्होंने ‘खांगी तकसीम’ को मिशन मोड में अपनाने के निर्देश दिए, ताकि संयुक्त खातेदारी की भूमि को ‘सिंगल खाता-सिंगल ओनर’ की व्यवस्था में बदला जा सके और भूमि रिकॉर्ड को अधिक स्पष्ट बनाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये डिजिटल सुधार नागरिकों की समस्याओं को तेजी से सुलझाने में मदद करेंगे और बार-बार कार्यालयों के चक्कर काटने की आवश्यकता को कम करेंगे।

इस अवसर पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक विनोद सुल्तानपुरी, मलिंदर राजन, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान, अपर मुख्य सचिव के.के. पंत, निदेशक राघव शर्मा, निदेशक डिजिटल टेक्नोलॉजीज एवं गवर्नेंस डॉ. निपुण जिंदल सहित राजस्व विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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