43 करोड़ घोटाले का पर्दाफाश — JCCB बैंक के AGM राम पॉल पर बड़े आरोप, सतर्कता विभाग से FIR की मांग

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शिमला/चंडीगढ़, ब्यूरो सुभाष शर्मा 3 अगस्त 20225

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पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ के अधिवक्ता मुकेश के. शर्मा ने जोगिंद्र सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक (JCCB), सोलन के सहायक महाप्रबंधक (AGM) राम पॉल के खिलाफ गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को विस्तृत शिकायत सौंपी है।

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शिकायत में आरोप लगाया गया है कि राम पॉल, जो वर्तमान में बैंक के मुख्यालय में AGM पद पर कार्यरत हैं, ने 2008 से अब तक ₹43 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की है, जिसमें मूलधन और ब्याज शामिल है। उन्होंने बैंकिंग नियमों और आरबीआई गाइडलाइनों की खुलेआम अनदेखी करते हुए जानबूझकर भारी संख्या में कर्ज वितरित किए।

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👉 आरोपों के प्रमुख बिंदु:

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एक ही व्यक्ति को विभिन्न शाखाओं से ऋण देना

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एक ही परिवार के सदस्यों को बार-बार ऋण

बिना पर्याप्त गिरवी के कर्ज मंजूरी

ऑपरेशन क्षेत्र से बाहर के व्यक्तियों को ऋण

SCC और JLG ऋणों में गड़बड़ी

₹15 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी को CBS प्रणाली में छुपाना

जांच रिपोर्टों और ACR (गोपनीय रिपोर्टों) में हेराफेरी

🤝 मिलीभगत के आरोप:

राम पॉल पर अकेले नहीं बल्कि कई अन्य अधिकारियों की मिलीभगत का भी आरोप है। शिकायत में JCCB सोलन के पूर्व और वर्तमान प्रबंध निदेशकों, चेयरमैन, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, NABARD और कोऑपरेटिव रजिस्ट्रार तक को इस घोटाले में सह-अभियुक्त बताया गया है।

विशेष रूप से कुलदीप सिंह (AGM), हरीश शर्मा (AGM), गुरमीत सिंह (प्रभारी, कानून एवं वसूली विभाग) जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी आरोपी के पक्ष में काम करते रहे हैं।

📂 दर्ज हो चुकी FIR और आरोप:

FIR No. 45/2019 और FIR No. 29/2023 पहले ही राम पॉल के खिलाफ दर्ज हो चुकी हैं, फिर भी बैंक प्रबंधन ने उन्हें लगातार पदोन्नत किया और क्लीन चिट दी।

राम पॉल ने बैंक के कोर बैंकिंग समाधान (CBS) विभाग की जिम्मेदारी खुद ले ली ताकि रिकॉर्ड में हेरफेर कर सके और धोखाधड़ी को दबाया जा सके।

📢 मांग:

शिकायतकर्ता अधिवक्ता ने सतर्कता विभाग से मांग की है कि:

इस मामले में एफआईआर दर्ज कर स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करवाई जाए

आरोपी और उसके परिवार की चल/अचल संपत्ति की जांच व जब्ती की जाए

पासपोर्ट जब्त कर देश छोड़ने की संभावनाओं को रोका जाए

दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की जाए

📑 संलग्न दस्तावेज:

26.09.2017 की जांच रिपोर्ट

FIR की प्रतिलिपियां

हाईकोर्ट से प्राप्त जमानत आदेश

तालिका के रूप में धोखाधड़ी विवरण

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