प्रदेश सरकार ने अपने वर्तमान कार्यकाल में प्रदेश के विकास को दी गति – रोहित ठाकुर शिक्षा मंत्री ने ग्राम मझोली में आयोजित बिशू (ठोडा) मेला में की शिरकत

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ब्रह्मू राम सरेना शिमला, 24 जून, 2024
ठोडा दल खूंद मधान व परगना धारठी (मधान) की ओर से तीन दिवसीय बिशू (ठोडा) मेला का आयोजन ठियोग के ग्राम मझोली (कुफ्टा) ग्राम पंचायत कथोग (मधान) में किया गया, जिसमें आज बतौर मुख्यातिथि शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिरकत की।
मेले को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने वर्तमान कार्यकाल में प्रदेश के विकास को गति दी है। आपदा के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश भर में राहत पैकेज देकर सराहनीय कार्य किया है, जिसके तहत शिमला संसदीय क्षेत्र में 203 करोड़ रुपए की आपदा राशि प्रदान की गई है।
उन्होंने घोषणा कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कथोग में भवन निर्माण के लिए 25 लाख रुपए की राशि का 25 प्रतिशत हिस्सा लोक निर्माण विभाग को जल्द सौंप दिया जाएगा ताकि कार्य अतिशीघ्र शुरू हो सके। इसके साथ ही स्थानीय पंचायत को पांच लाख रुपए की राशि सीटी वर्क के लिए दी जाएगी।
उन्होंने मेला के सफल आयोजन के लिए मेला समिति की सराहना की और समिति को 51 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि तथा ठोडो खेल में हिस्सा ले रही दोनों टीमों को 11-11 हजार रुपए देने की घोषणा की। मेले में ठोडा दल सरतेला (शाठी) व ठोडा दल डरौल (पाशी) द्वारा पारंपरिक ठोडा खेल से लोगों का मनोरंजन किया गया।

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पारंपरिक खेलों को नई खेल नीति में शामिल करने की दिशा में किया जा रहा कार्य
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पारंपरिक खेलों को नई खेल नीति में शामिल करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है ताकि खेल कोटे से खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी लेने में प्राथमिकता मिले। उन्होंने स्थानीय जनता से अपील की कि अपने पारंपरिक खेलों को जीवित रखने में अग्रणी भूमिका निभाएं।
रोहित ठाकुर ने कहा कि जिला सिरमौर में ठोडा खेल एक प्रकार का युद्ध है, जो बिशु के अवसर पर किया जाता है। ठोडा हिमाचल प्रदेश के कुछ जिलों में विशेष अवसरों पर खेला जाने वाला संगीतमय खेल है। तीर कमान के प्रदर्शन के इस खेल को महाभारत काल से जोड़कर भी देखा जाता है। माना जाता है कि ठोडा की उत्पत्ति महाभारत काल में हुई थी। इसे पांडवों और कौरवों के मध्य हुए युद्ध के रूप में देखा जाता है। ठोडा लोगों के मनोरंजन का मुख्य आकर्षण रहता है।
यदि ठोडा खेल का जिक्र किया जाए तो ठोडा प्राचीन संस्कृति का प्रतीक है। हिमाचल प्रदेश में ठोडा ऊपरी शिमला तथा सिरमौर जिला में खेला जाता है। प्राचीन संस्कृति पर आधारित यह खेल महाभारत काल की याद को ताजा करता है। जाहिर तौर पर दो दलों के बीच खेले जाने वाला तीर कमान का यह खेल ऊपरी शिमला में खासी लोकप्रियता हासिल किए हुए है। ठोडा खेल में दो दल आपस में कौरव व पांडव बनकर एक दूसरे पर तीरों से प्रहार करते हैं।

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वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ठियोग विस क्षेत्र में विकास कार्यों को दी गई रफ्तार
मेला में विशेष अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए विधायक ठियोग कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में ठियोग विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों को रफ्तार दी गई है तथा लोगों की मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के प्रयास किए जा रहे है।
इस अवसर पर राणा साहिब मधान योगेंद्र चंद, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष नरेंद्र कंवर, देवेंद्र नेगी निदेशक लैंड मार्डगेज बैंक, वरिष्ठ नेता भूषण ठाकुर, उप प्रधान सुरेश चंद, दिग्विजय कंवर सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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