होम लोन सस्ता: प्रमुख बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती की

देश के प्रमुख बैंकों ने होम लोन ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है, जिससे लोन लेने वालों को ईएमआई के बोझ से राहत मिलेगी या उनकी लोन चुकाने की अवधि कम होगी। जिन प्रमुख बैंकों ने ब्याज दरें घटाई हैं उनमें केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक शामिल हैं।

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विषय-सूची:

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1. आरबीआई की रेपो दर कटौती का प्रभाव

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2. जिन बैंकों ने होम लोन ब्याज दरें घटाई हैं

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3. आरएलएलआर (RLLR) क्या है?

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4. नए और मौजूदा ग्राहकों पर प्रभाव

5. क्या यह होम लोन लेने का सही समय है?

आर बीआई की रेपो दर कटौती का प्रभाव

बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो दर में 25 बेसिस पॉइंट की कमी के बाद हुई है। 7 फरवरी 2025 को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो दर को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया। इससे बैंकों के लिए उधारी सस्ती हुई और उन्होंने ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर होम लोन देने की सुविधा दी

जिन बैंकों ने होम लोन ब्याज दरें घटाई हैं

आरबीआई के फैसले के बाद कई बैंकों ने अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में संशोधन किया। यहां ताजा अपडेट दिए गए हैं:

केनरा बैंक: 9.25% से घटाकर 9.00%, प्रभावी 12 फरवरी 2025 से।

बैंक ऑफ बड़ौदा: नई आरएलएलआर 8.90%, प्रभावी 10 फरवरी 2025 से।

बैंक ऑफ इंडिया: 9.35% से घटाकर 9.10%, प्रभावी 7 फरवरी 2025 से।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया: 9.25% से घटाकर 9.00%, प्रभावी 11 फरवरी 2025 से।

पंजाब नेशनल बैंक (PNB): 9.25% से घटाकर 9.00%, प्रभावी 10 फरवरी 2025 से।

इंडियन ओवरसीज बैंक: 9.35% से घटाकर 9.10%, प्रभावी 11 फरवरी 2025 से।

आरएलएलआर (RLLR) क्या है?

रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) वह ब्याज दर होती है, जो बैंकों द्वारा दिए जाने वाले लोन पर लागू होती है और सीधे RBI की रेपो दर से जुड़ी होती है। यह प्रणाली अक्टूबर 2019 में लागू की गई थी, जब आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया कि वे अपने खुदरा लोन को किसी बाहरी बेंचमार्क से जोड़ें, जैसे कि रेपो दर। रेपो दर में बदलाव होने पर, होम लोन ब्याज दरें भी प्रभावित होती हैं। भारत में अधिकांश होम लोन फ्लोटिंग ब्याज दर पर आधारित होते हैं, जो आरएलएलआर से जुड़े होते हैं।

नए और मौजूदा ग्राहकों पर प्रभाव

नए होम लोन लेने वालों को तत्काल लाभ मिलेगा, क्योंकि वे कम ब्याज दरों पर लोन प्राप्त कर सकते हैं।

मौजूदा ग्राहकों को भी इसका फायदा मिलेगा, लेकिन उनका ब्याज दर संशोधन उनके लोन समझौते के अनुसार हर 3 से 6 महीने में होगा।

क्या यह होम लोन लेने का सही समय है?

जो लोग होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए यह सही समय हो सकता है। ब्याज दरों में कटौती से:

ईएमआई कम हो जाएगी, जिससे मासिक खर्च कम होगा।

लोन का कार्यकाल कम करने का विकल्प मिलेगा, जिससे कुल भुगतान कम हो सकता है।

बैंकों द्वारा नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए विशेष ऑफर्स भी दिए जा सकते हैं, जिससे और अधिक लाभ मिल सकताहै ।

इस लिए, मौजूदा परिस्थितियों में होम लोन लेना अधिक किफायती हो सकता है।

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