हिमाचल राज्य सरकार के शिक्षा सुधारों से शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव

शिमला, मदन शर्मा 16 फरवरी, 2025

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वर्तमान राज्य सरकार ने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और समावेशी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई नवाचारपूर्ण कदम उठाए हैं। शिक्षा क्षेत्र और शैक्षणिक संस्थानों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण सुधार लागू किए गए हैं और कई रणनीतिक कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।

सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और छात्रों को बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने के लिए, राज्य सरकार ने स्कूल क्लस्टर स्थापित किए हैं। इन क्लस्टर्स के कारण छात्रों और शिक्षकों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित हो रही है। इस पहल के माध्यम से प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को उच्च कक्षाओं के लिए बनाए गए प्रयोगशालाओं जैसी उन्नत सुविधाएँ भी मिलने लगी हैं।

सरकारी स्कूलों के छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ाने और समान शैक्षणिक अवसर प्रदान करने के लिए, सरकार ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए सभी सरकारी संस्थानों में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने 6,297 प्राथमिक स्कूलों में प्री-स्कूल कक्षाएँ शुरू की हैं।

विश्वस्तरीय शिक्षा और आधुनिक बुनियादी ढाँचा प्रदान करने के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में आधुनिक तकनीक से सुसज्जित राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं।

विधवाओं, निराश्रित, परित्यक्त और दिव्यांग महिलाओं के बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ शुरू की है, जिसके लिए 53.21 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसी प्रकार, 15,181 स्कूलों में ‘बाल पोषित आहार योजना’ लागू की गई है, जिससे 5.34 लाख बच्चों को अंडे और फलों जैसी अतिरिक्त पोषण सामग्री प्रदान की जा रही है। इस योजना के लिए 12.75 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है।

छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहायता के लिए डॉ. वाई.एस. परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत छात्र 1% की नाममात्र ब्याज दर पर 20 लाख रुपये तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना उन मेधावी छात्रों के लिए भी विस्तारित की गई है जो विदेशों में व्यावसायिक और पेशेवर पाठ्यक्रम करना चाहते हैं।

‘श्रीनिवास रामानुजन विद्यार्थी योजना’ के तहत, कक्षा 10, कक्षा 12 और कॉलेज के 11,552 मेधावी छात्रों को डिजिटल साक्षरता बढ़ाने के लिए टैबलेट वितरित किए गए हैं।

शिक्षा क्षेत्र के डिजिटल परिवर्तन के तहत विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में स्मार्ट और वर्चुअल क्लासरूम की शुरुआत की गई है। शिक्षकों के योगदान को मान्यता देने और उन्हें सम्मानित करने के लिए सरकार ने ‘राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार योजना-2024’ शुरू की है।

शिक्षकों को वैश्विक स्तर पर नई शैक्षणिक पद्धतियों से अवगत कराने के लिए सरकार ने विदेशी दौरे भी शुरू किए हैं। पहले चरण में 200 शिक्षकों को सिंगापुर भेजा गया, जहाँ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक अभ्यासों की जानकारी प्राप्त की, जबकि अन्य 200 शिक्षक केरल और अन्य राज्यों में अध्ययन यात्रा पर गए। इसके अलावा, राज्य सरकार ने सिंगापुर की प्रतिष्ठित प्रिंसिपल अकादमी के साथ समझौता किया है, जिसके तहत हिमाचल के शिक्षकों को सिंगापुर में आधुनिक शिक्षण विधियों, नेतृत्व कौशल और नवाचार आधारित शिक्षण प्रक्रियाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इसके अलावा, 50 मेधावी छात्रों को कंबोडिया और सिंगापुर के 11 दिवसीय शैक्षिक अध्ययन दौरे पर भेजा गया, जो 17 फरवरी को वापस लौटेंगे।

प्रशासनिक और शैक्षणिक प्रक्रियाओं को आधुनिक बनाने के प्रयास में, राज्य सरकार ने 17,510 प्राथमिक विद्यालय शिक्षकों को टैबलेट वितरित किए हैं। यह पहल डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने, प्रशासनिक कार्यों को सरल बनाने और शिक्षकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है।

राज्य सरकार ने 850 शैक्षणिक संस्थानों को ‘उत्कृष्टता केंद्र’ के रूप में नामित किया है, ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, 15,000 अकादमिक और गैर-अकादमिक पदों को भरने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। अब तक 3,200 शिक्षकों की भर्ती बैच-वार आधार पर की जा चुकी है, जबकि 2,800 से अधिक पद हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के माध्यम से भरे जा रहे हैं। इसके अलावा, 700 पीजीटी शिक्षकों और 6,200 एनटीटी पदों के लिए भी भर्ती प्रक्रियाएँ जारी हैं। शिक्षा में निरंतरता बनाए रखने के लिए सरकार ने शैक्षणिक सत्र के दौरान शिक्षकों के तबादले पर प्रतिबंध लगाया है।

इसके अतिरिक्त, स्कूलों में कृषि और बागवानी को वैकल्पिक विषयों के रूप में जोड़ा गया है, और क्लस्टर प्रणाली लागू की गई है। छात्र-खिलाड़ियों के लिए पुरस्कार राशि, आहार और यात्रा भत्ते में वृद्धि की गई है। कॉलेज स्तर की शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए 120 कॉलेज प्राचार्यों और 483 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति की गई है।

राज्य सरकार की इन दूरदर्शी पहलों के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र को नया रूप दिया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी छात्रों को समान अवसर मिलें, डिजिटल और शैक्षणिक बुनियादी ढाँचे को सुदृढ़ किया जाए और छात्रों एवं शिक्षकों के लिए एक समृद्ध शिक्षण वातावरण तैयार किया जाए।

राज्य सरकार के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम मिलने लगे हैं। ‘वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (ASER) 2024’ में हिमाचल प्रदेश के छात्रों का अधिगम स्तर देश में शीर्ष स्थान पर आंका गया है। इसके अलावा, विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल उपलब्धता के मामले में भी हिमाचल को शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है।

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