वन विभाग में ठेकेदारी लाइसेंस के लिए 500 की जगह अब देने होंगे पांच हजार, इतने गुणा बढ़ी फीस

हिमाचल प्रदेश सरकार ने वन विभाग में ठेकेदारी लाइसेंस फीस दस गुना बढ़ा दी है। अब नए पंजीकरण पर 500 रुपये की जगह पांच हजार रुपये अदा करने होंगे। करीब 30 साल बाद यह फीस बढ़ाई गई है। प्रदेश सरकार ने आय के स्रोतों में वृद्धि करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है। लाइसेंस नवीनीकरण करवाने में अब 200 रुपये की जगह दो हजार रुपये लगेंगे।

 

तीसरे साल होने वाले नवीनीकरण में अब यह राशि चुकानी होगी। देरी से फीस पर भी 100 से 300 रुपये राशि कर दी गई है। यह राशि प्रति माह के आधार पर रहेगी। वर्ष 1995 में पंजीकरण शुल्क 100 रुपये था, जिसे बढ़ाकर 500 रुपये किया गया था। इसी तरह नवीनीकरण शुल्क 25 रुपये था और इसे बढ़ाकर 200 रुपये किया गया था। हिमाचल में जड़ी-बूटियों के दोहन, सूखे एवं पुराने पेड़ों के कटान समेत अन्य कार्य के लिए वन विभाग ठेकेदारों को काम सौंपता है। इसके लिए पंजीकरण और नवीनीकरण करवाना आवश्यक है। दोनों ही श्रेणियों में प्रदेश सरकार ने शुल्क में बढ़ोतरी कर अधिसूचना जारी कर दी है।

 

डीएफओ कार्यालय में भी यह अधिसूचना पहुंच गई है। ऐसे में अब नए पंजीकरण और नवीनीकरण पर नई दरें लागू होंगी।उधर, डीएफओ नाचन एसएस कश्यप ने बताया कि ठेकेदारी पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी के आदेश मिले हैं। इसी के अनुरूप अब कार्य होगा। वहीं, मुख्य अरण्यपाल मंडी मृत्युंजय माधव ने बताया कि प्रदेश सरकार के आदेशानुसार नए शुल्क लागू करने के लिए कहा गया है।

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