मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का ऐतिहासिक कदम: रामपुर में दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाट


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शिमला, 15 नवंबर 2024: हिमाचल प्रदेश के सर्वप्रिय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को रामपुर के दत्तनगर (जिला शिमला) में 50 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता के दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार, लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
यह संयंत्र अब 20 हजार लीटर से बढ़कर 70 हजार लीटर प्रतिदिन दूध प्रसंस्करण क्षमता तक पहुंच चुका है। इस परियोजना से क्षेत्र के किसानों और दूध उत्पादकों को बेजोड़ लाभ मिलेगा। नया संयंत्र दूध से दही, लस्सी, खोया, फ्लेवर्ड मिल्क और अन्य डेयरी उत्पादों का निर्माण करेगा, जिससे स्थानीय उत्पादकों को अपने उत्पादों को बाजार में बेहतर तरीके से पेश करने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस अवसर पर कहा, “यह परियोजना प्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हिमाचल प्रदेश में कृषि और पशुपालन की प्राचीन परंपरा है, और इस तरह के संयंत्रों की स्थापना से न केवल कृषि उत्पादकों को लाभ होगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि इस संयंत्र की क्षमता बढ़ने से स्थानीय दुग्ध उत्पादकों को अपने दूध का सही मूल्य मिलेगा और इससे रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
**कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार** ने भी इस परियोजना की सराहना करते हुए कहा, “यह एक ऐतिहासिक कदम है जो राज्य के पशुपालकों के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा। इस संयंत्र से प्रदेश की डेयरी उद्योग में न केवल वृद्धि होगी, बल्कि यह स्थानीय उत्पादकों को प्रोत्साहन भी देगा।”
**लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह** ने अपने संबोधन में कहा, “हिमाचल प्रदेश में कृषि, पशुपालन और डेयरी उद्योग के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। मुख्यमंत्री सुक्खू की नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों और उत्पादकों के कल्याण के लिए निरंतर काम कर रही है।”
इस संयंत्र के उद्घाटन के साथ ही रामपुर और आसपास के क्षेत्रों में दूध प्रसंस्करण के नए आयाम स्थापित होंगे, जो न केवल हिमाचल प्रदेश की डेयरी उद्योग को सशक्त करेगा, बल्कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा।
मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का यह कदम हिमाचल प्रदेश के समग्र विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।