भाजपा ने भारत की राजनीति में एक सिद्धांतवादी विचारधारा की शुरुआत की : नंदा

शिमला सोलन ब्यूरो सुभाष शर्मा 10/04/25

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• तेरा वैभव अमर रहे मां हम दिन चार रहे ना रहे, ये हमारी प्रेरणा है।
• 2 सीटों से 303 का सफर 39 साल का, जय भाजपा तय भाजपा

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सोलन, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने सोलन विधानसभा क्षेत्र के सक्रिय सदस्यता अभियान को मुख्यवक्ता के रूप में संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, जिला अध्यक्ष रतन पाल सिंह, प्रत्याशी राजेश कश्यप, प्रदेश उपाध्यक्ष रश्मि घर सूद, मंडल अध्यक्ष शैलेन्द्र गुप्ता, चंद्रकांत, मंडल ठाकुर, अक्षय भरमौरी उपस्थित रहें।
कर्ण नंदा ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा भाजपा का इतिहास एवं विकास यात्रा कोई आम विषय नहीं, बल्कि एक संघर्ष यात्रा है। वो भाजपा है जिसने भारत की राजनीति में एक सिद्धांतवादी विचारधारा की शुरुआत की अपने अडिक सिद्धांतों से दशकों की रीड विहीन राजनीति को बदला, इसलिए तो पूरा देश भाजपा के बारे में कहता है कि “यह जो कहते हैं वह करके दिखाते हैं”। सत्ता की आंच जब सिद्धांतों तक आने लगी तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी ने सत्ता को ठोकर मार दी लेकिन सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं किया और 6 अप्रैल 1980 को पंचनिष्ठाओं के साथ भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई, वो दौर जब कांग्रेस पूरी ताकत के साथ विपक्ष पर प्रहार कर रही थी तब भाजपा के पास सिर्फ उसके सिद्धांत थे जो भाजपा को प्रेरणा और शक्ति प्रदान कर रहे थे। दशकों के संघर्ष के बाद जबजब भाजपा को मां भारती की सेवा का मौका मिला तब-तब भाजपा की सरकारों ने राष्ट्र प्रथम के साथ अंत्योदय के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाया। राम मंदिर का निर्माण हो या कश्मीर से धारा 370 का खात्मा तीन तलाक का अंत हो या वक्फ संशोधन बिल सबका साथ सबका विकास के मार्ग पर चलते हुए भाजपा ने हमेशा अपने विज़न को स्पष्ट रखकर देश की नीतियां तैयार की ।
नंदा ने अटल जी का स्मरण करते हुए कहा कि सवेरा छठेगा, सूरज निकलेगा और कमल खिलेगा। भाजपा का हर कार्यकर्ता इस बड़ी कामयाबी में शामिल है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा आज शिखर पर है, पार्टी लगातार आगे बढ़ती जा रही है, दीन दयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेई, लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, जगत प्रकाश नड्डा, अनुराग ठाकुर, प्रो प्रेम कुमार धूमल, शांता कुमार, जयराम ठाकुर, डॉ राजीव बिंदल, सुरेश कश्यप ये सब मार्गदर्शक रहे। सभी ने भाजपा के मूल स्वरूप को मजबूत किया, पार्टी का सबसे बड़ा एसेट है कार्यकर्ताओं का समर्पण, दूसरा है हमारे नेताओं के आदर्श। नंदा ने कहा तेरा वैभव अमर रहे मां हम दिन चार रहे ना रहे, ये हमारी प्रेरणा है।

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उन्होंने कहा कि 1984 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सिर्फ दो सीटें मिली थी और दो सीटों से 303 तक का सफर करने में पार्टी को 39 साल लगे। 2019 के चुनाव में भाजपा ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया देश भर में 303 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की बीजेपी का ग्राफ लोकसभा में कैसे बढ़ता चला गया आज कहां तक पहुंचा है जरा उसे देखिए। भाजपा को 1984 में दो सीटें मिली, 1989 में 85, फिर 1991 में 120, 1996 में बढ़कर यह 161 हो गई, 1998 में 181 और 1999 में एक सीट का और इज़ाफा होकर 182 पर पहुंचा ये आंकड़ा, 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा और भाजपा ने 282 सीटें हासिल की, 2019 में ये आंकड़ा और आगे बढ़ा और भाजपा का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 303 वाला आंकड़ा सामने आया। 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी को 240 सीटों पर ही जीत मिली।

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