*प्रदेश में जहां एमर्जेंसी, वहीं तुरंत अस्पताल तैयार जानिए कैसे*


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बिलासपुर एम्स में प्रधानमंत्री आरोग्य मैत्री भीष्म योजना के तहत स्वीकृत हुए हैं दो सेट भीष्म क्यूब
अब प्रदेश में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एम्स बिलासपुर का आपदा अस्पताल अहम भूमिका निभाएगा। एम्स को प्रधानमंत्री आरोग्य मैत्री भीष्म योजना के तहत दो सेट भीष्म क्यूब आबंटित किए गए हैं। प्रत्येक सेट में दो मदर क्यूब होंगे जिसमें से प्रत्येक में 33 मिनी क्यूब होंगे, जो सभी आरएफ टैग किए गए हैं। हर मिनी क्यूब में आपातकालीन चिकित्सा और शल्य चिकित्सा उपयोग के लिए उपभोग्य और गैर उपभोग्य नॉन कंज़्यूमेबल्स) सामग्री होगी। एक सेट 200 घायलों की चिकित्सा करने में सक्षम होगा।
भीष्म क्यूब को किसी भी परिवहन, हवाई, जल, सडक़ या ड्रोन के माध्यम से आपदा स्थल पर पहुंचाया जा सकता है। प्रत्येक सेट की लागत तीन करोड़ रुपए होगी। प्रत्येक सेट में दो मदर क्यूब्स होते हैं, जिनमें 33 आरएफ टैग्ड मिनी क्यूब्स होते हैं। इनमें आवश्यक चिकित्सा और सर्जिकल आपूर्ति होती है, जो किसी भी बड़ी आपदा में 200 घायलों की मदद कर सकती है। आपदा प्रबंधन के अलावा एम्स बिलासपुर में सुविधाओं और शैक्षिक कार्यक्रमों को भी बढ़ाया जा रहा है। 4.90 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा।
ईएमटी डिप्लोमा कोर्स शुरू
2025 शैक्षणिक सत्र से एमर्जेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जा रहा है। प्रारंभ में दस छात्रों का प्रवेश होगा, जिसे भविष्य में बढ़ाया जाएगा।
कैंसर पीडि़तों को मिलेगा बेहतर उपचार
एम्स बिलासपुर में अब व्यापक डायग्नोस्टिक सेवाओं के साथ-साथ कम डोज़ रेडियोन्यूक्लाइड थेरेपी भी प्रदान की जाएगी।