परवाणू साइबर ठगी मामला: पांचवां आरोपी गिरफ्तार, 10 लाख रुपये बरामद

सोलन के परवाणू में दो महीने पुराने साइबर ठगी मामले में पुलिस ने पांचवें आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी के बैंक खाते में ठगे गए तीन लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। अब तक पुलिस कुल 18.65 लाख रुपये की ठगी में से 10 लाख रुपये बरामद कर चुकी है।

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कैसे हुआ था साइबर ठगी का शिकार?

सोलन के एसपी गौरव सिंह के अनुसार, शिकायतकर्ता, जो मूल रूप से मुंबई का निवासी है और फिलहाल परवाणू के सेक्टर-3 में रहता है, ने 8 नवंबर 2024 को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी।

शिकायतकर्ता ने बताया कि 7 अक्टूबर 2024 को उसे एक अनजान कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को कोरियर कंपनी का कर्मचारी बताया और कहा कि उसके आधार कार्ड का उपयोग एक पार्सल भेजने के लिए किया गया है, जिसमें ड्रग्स और संदिग्ध सामग्री शामिल है।

इसके बाद, कॉल को कथित “सीबीआई अधिकारी” से जोड़ा गया, जिसने उसे बताया कि उसका आधार कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग में भी इस्तेमाल हुआ है। जांच के नाम पर उसे पैसे भेजने को कहा गया और धमकी दी गई कि अगर वह सहयोग नहीं करेगा तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

डर और दबाव में आकर शिकायतकर्ता ने किश्तों में 18.65 लाख रुपये ठगों के खातों में ट्रांसफर कर दिए। इस दौरान, 7 से 19 अक्टूबर तक, वह “डिजिटल अरेस्ट” में था—यानी लगातार व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग पर ठगों के संपर्क में रहा। जब उसने अपने पैसे वापस मांगे, तो ठगों ने 10% रकम मांगकर शेष राशि लौटाने का झांसा दिया। बाद में, वे उसकी कॉल उठाना बंद कर दिए।

पुलिस जांच और गिरफ्तारियां

परवाणू पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। तकनीकी और साइबर सेल की मदद से कॉल रिकॉर्ड, टावर लोकेशन और बैंक लेनदेन की पड़ताल की गई।

अब तक इस मामले में पांच गिरफ्तारियां हो चुकी हैं:

पहले तीन आरोपी राजस्थान के उदयपुर से गिरफ्तार हुए।

चौथा आरोपी राजस्थान के ब्यावर से 29 दिसंबर 2024 को गिरफ्तार हुआ।

पांचवां आरोपी, 32 वर्षीय पालराज, तमिलनाडु के कोयम्बटूर का निवासी है, जिसे हाल ही में पकड़ा गया।

ठगी नेटवर्क और क्रिप्टो लेनदेन

जांच में पता चला कि यह ठगी नेटवर्क राजस्थान और गुजरात में लंबे समय से सक्रिय था और हिमाचल सहित अन्य राज्यों के लोगों को निशाना बना रहा था।

इसके अलावा, जांच में ठगों के बैंक खातों में अवैध क्रिप्टो करेंसी लेनदेन के साक्ष्य भी मिले हैं। इनके खातों में 2-3 करोड़ रुपये के बिटकॉइन और अन्य डिजिटल करेंसी के ट्रांजेक्शन पाए गए।

ठगी के पैसे की बरामदगी

गिरफ्तार पालराज के खाते में पश्चिम बंगाल के बंधन बैंक से ट्रांसफर हुए तीन लाख रुपये मिले, जो शिकायतकर्ता से ठगे गए थे। पुलिस ने यह राशि बरामद कर ली है।

अब तक, पुलिस कुल 10 लाख रुपये रिकवर कर चुकी है और ठगी नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। परवाणू पुलिस टीम इस गिरोह पर लगातार नजर बनाए हुए है।

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