जंगलों को आग से बचाने के लिए एएफडी का सहयोग, 2025-26 से शुरू होगा पांच वर्षीय प्रोजेक्ट


हिमाचल प्रदेश के जंगलों को आग से बचाने के लिए फ्रेंच डिवेलपमेंट एजेंसी (एएफडी) आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। इसके तहत वन विभाग और एएफडी के बीच पांच साल के लिए एक समझौता हुआ है, जिसमें कुल 43 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। हर साल विभाग को आठ करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
एएफडी की तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने बिलासपुर में कार्यरत फोरेस्ट प्रोटेक्शन एंड फायर कंट्रोल विंग के मुख्य अरण्यपाल और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने जंगलों को आग से बचाने के मौजूदा उपायों और नई तकनीकों पर आधारित योजनाओं का गहन अध्ययन किया। टीम ने फील्ड विजिट के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार की, जिसके आधार पर चरणबद्ध तरीके से बजट जारी किया जाएगा।
बिलासपुर स्थित फोरेस्ट प्रोटेक्शन एंड फायर कंट्रोल विंग के मुख्य अरण्यपाल निशांत मंढोत्रा ने जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश डिजास्टर रिस्क रिडक्शन प्रोग्राम के तहत होटल सागर व्यू में एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में एएफडी की टेक्निकल एक्सपर्ट टीम, जिसमें प्रोजेक्ट ऑफिसर मैले रोशी, यूनिट को-ऑर्डिनेटर पॉलिन जॉर्जिस और पोर्टफोलियो मैनेजर अंशुला मैनन शामिल थीं, ने भाग लिया।
विजिट और कार्यशाला के निष्कर्षों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट के स्वीकृत होने के बाद, 2025-26 से शुरू होने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए हर वर्ष वन विभाग को आठ करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी। यह योजना अगले पांच वर्षों तक जारी रहेगी, जिससे प्रदेश के जंगलों को आग से बचाने में मदद मिलेगी।