गर्भाव्यवस्था से वृद्धावस्था तक विभिन्न रोगों के उपचार में फिज़ियोथेरेपी कारगार – डॉ. शांडिल

सोलन मदन शर्मा 18.05.2025

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इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिज़ियोथेरेपिस्टस द्वारा विशेष राष्ट्रीय खेल ‘हिमक्लेव-2’ सम्मेलन सम्पन्न

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि फिज़ियोथेरेपी स्वास्थ्य सेवा के लिए महत्त्वपूर्ण आयामों में से एक है और इसके माध्यम से रोगियों के उपचार एवं उन्हें स्वस्थ रखने में विशेष सहायता मिलती है।

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डॉ. शांडिल आज कण्डाघाट उपमण्डल के वाकनाघाट स्थित बाहरा विश्वविद्यालय में इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिज़ियोथेरेपिस्टस द्वारा आयोजित विशेष राष्ट्रीय खेल ‘हिमक्लेव-2’ सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
इस सम्मेलन में लगभग 500 प्रतिनिधियों, पेशेवर वक्ताओं और विद्यार्थियों ने भाग लिया।

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डॉ. शांडिल ने कहा कि चिकित्सा का क्षेत्र समाज सेवा का सबसे बड़ा आयम है। उन्होंने कहा कि सभी फिज़ियोथेरेपिस्ट सौभाग्यशाली हैं जो इस व्यवसाय के माध्यम से जन-जन की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज की भाग-दौड़ की जिंदगी में इंसान अपने स्वास्थ्य के प्रति चिंतित नहीं है, ऐसे में इस पद्धति के बारे में लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है और इसमें फिज़ियोथेरेपिस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका है।

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उन्होंने कहा कि फिज़ियोथेरेपी पुराने रोगों को जड़ से खत्म करने का एक बेहतर विकल्प है और यह शरीर को और अधिक स्वस्थ एवं मज़बूत बनाने में सहायक है। उन्होंने कहा कि फिज़ियोथेरेपी हर उम्र के व्यक्ति की सहयोगी बनकर विभिन्न रोगों का निवारण कर रही है और इससे शरीर की फिटनेस भी बढ़ती है।

स्वास्थ्य मंत्री ने इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिज़ियोथेरेपिस्ट के सदस्यों से फिज़ियोथेरेपी का प्रचार करने के साथ-साथ लोगों को योग करने की सलाह देने को भी कहा। उन्होंने कहा कि फिज़ियोथेरेपी स्वास्थ्य सेवा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

डॉ. शांडिल ने कहा कि फिज़ियोथेरेपी चिकित्सा, दवा रहित उपचार की एक ऐसी प्रणाली है जिसमें व्यायाम, विद्युतीय उपकरणों और विभिन्न हस्त तकनीकों के द्वारा रोगियों का उपचार किया जाता है जो कि पूर्णतः दुष्प्रभाव रहित है।
उन्होंने कहा कि यह खेल चिकित्सा का एक आवश्यक घटक है। फिज़ियोथेरेपी में मांसपेशियों, नसों के अतिरिक्त खेलांे के कारण लगी चोटों, दिव्यांगता, मानसिक विकृति गतिशीलता आदि से संबंधित कई रोगी का सफल इलाज किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस तरह के सम्मेलन हमारे राज्य और राष्ट्र में स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
उन्होंने आशा जताई कि यह कार्यक्रम फिज़ियोथेरेपी के क्षेत्र में नवाचार, सहयोग और उत्कृष्टता को बढ़ावा देकर रोगियों और समाज को लाभ देने में वृद्धि करेगा। उन्होंने कहा कि फिज़ियोथेरेपी गर्भावस्था से वृद्धावस्था तक विभिन्न रोगों के उपचार का कारगार माध्यम है।
उन्होंने युवाओं से नशे से दूर रहने का आग्रह भी किया।
उन्होंने आयोजकों को सम्मेलन के लिए शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने हिमक्लेव-2 की स्मारिका का विमोचन भी किया।

इस अवसर पर फिज़ियोथेरेपी से संबंधित विभिन्न कंपनियों द्वारा उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसका स्वास्थ्य मंत्री ने अवलोकन किया।

इस अवसर पर इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिज़ियोथेरेपिस्टस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजीव झा, इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिज़ियोथेरेपिस्टस की महिला प्रकोष्ट की अध्यक्ष डॉ. रुचि, इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिज़ियोथेरेपिस्टस के हिमाचल इकाई के अध्यक्ष डॉ. अनूप, बाहरा विश्वविद्यालय के महानिदेशक डॉ. आर.एम. भगत, रजिस्ट्रार विनीत कुमार, निदेशक मार्केटिंग अनुराग अवस्थी, गौरव बाली,

उपमण्डलाधिकारी कंडाघाट गोपाल चंद शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. अजय पाठक, ज़िला चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित रंजन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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