एससी- एसटी विकास निधि के लिए “स्पेशल ऐक्ट के लिए एकजुट हुए लोग स्पेशल ऐक्ट की मांग को लेकर मुखर हुए लोग, सौंपा एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन

एससी- एसटी विकास निधि के लिए “स्पेशल ऐक्ट” बनाने के लिए मुहिम तेज हुई

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एससी- एसटी विकास निधि प्रावधानों को समाप्त करने पर रोष, सौंपा एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन

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कसौली सुनीता 18 मार्च 2024………

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हिमाचल प्रदेश में एससी- एसटी समुदायों की विकास निधि के लिए “स्पेशल ऐक्ट” बनाने की मुहिम जोर पकड़ती जा रही है। दरअसल, सरकार द्वारा एससी- एसटी सब प्लान के प्रावधानों को धीरे धीरे लगभग समाप्त करने की बजह से, एससी- एसटी समुदायों में भारी रोष है। एससी- एसटी समाज के लोग सरकार से एससी- एसटी सब प्लान के लिए, आनुपातिक बजट और “स्पेशल ऐक्ट” बनाने की मांग कर रहे हैं ताकि उनके समग्र विकास के हित सुरक्षित रह सकें।
आज, एससी- एसटी समाज से जुड़े प्रतिनिधि मंडल ने अपनी इस मांग को लेकर एसडीएम…कसौली……… के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधि मंडल में, “स्टेट कोलेशन फॉर लेजिसलेशन ऑफ एससी- एसटी सब प्लान”, हिमाचल प्रदेश के बैनर तले, श्री गुरु रविदास महासभा सभा,… संत कवीर सभा, माहृषी बाल्मीकि सभा, ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा, संत नाभा महासभा, …मानव अधिकार मंच कसौली.. हि.प्र… इत्यादि संगठन शामिल हुए।

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प्रतिनिधि मंडल, सभा/ संगठन के श्री/ श्रीमती …वंदना आनंद….., श्री.. जगभुषण आनंदजी….. ने यह ज्ञापन एसडीएम श्री/ श्रीमती …….को सौंपते हुए बताया हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2011 में अनुसूचित जाति उपयोजना की राशि जनसंख्या के अनुपात में 25% के लगभग प्रस्तावित थी, लेकिन यह राशि संबंधित वर्ग के विकास की प्राथमिकताओं पर खर्च नहीं हो पाई। इसके विपरीत, पिछले 5 सालों में, इस उप योजना के तहत बजट प्रावधान मात्र 5% तक सीमित होकर रह गया, जो संबंधित वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में 33% होना चाहिए था। दुखद तथ्य यह है कि आवंटित की गई 5% राशि भी सही मायने में अनुसूचित जाति के विकास पर खर्च नहीं हो पा रही है और इसे डिवर्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि समाज के हितों के साथ यह खिलवाड़ कतई मंजूर नहीं है।
प्रतिनिधि मंडल ने मांग की, कि एससी- एसटी समुदायों के विकास के हितों के मध्यनजर, हिमाचल प्रदेश में तेलंगाना राज्य की तर्ज पर अनुसूचित जाति, जनजाति विकास निधि विशेष कानून बनाया जाए, और अनुसूचित जाति जनजाति की जनसंख्या के अनुपात में कुल बजट का 33% प्रावधान किया जाए, ताकि यह निर्धारित राशि संबंधित वर्गों के सामाजिक – आर्थिक तथा शैक्षणिक विकास की प्राथमिकताओं के आधार पर खर्च हो सके।
प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश में “अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति विकास निधि कानून” बनाने की विधिवत्त घोषणा की जाए। उन्होंने कहा कि यह कानून हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति जनजाति के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक मील पत्थर साबित होगा।
इस अवसर पर .. सुरेश कुमार, हीरा देवी, कसक जी,संजूजी, जी..,.पूनम,आदि सदस्य……., …….., …….., भी उपस्थित थे।

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