एनडीए से पहली बार 17 महिला कैडेट्स होंगी पास आउट, भारतीय सैन्य इतिहास में नया अध्याय

पुणे, भारत केसरी टीवी 29 मई 2025:

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भारतीय सैन्य इतिहास में एक ऐतिहासिक पल जुड़ने जा रहा है। नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से पहली बार 17 महिला कैडेट्स पास आउट होंगी। यह ऐतिहासिक पासिंग आउट परेड 30 मई को एनडीए के 148वें कोर्स की समाप्ति पर आयोजित की जाएगी। इन महिला कैडेट्स के साथ 300 से अधिक पुरुष कैडेट्स भी परेड ग्राउंड पर मार्च करेंगे। यह पल भारतीय सेना में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।

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त्रिसेवा प्रशिक्षण और अगली पंक्ति की सेवाएं
ये महिला कैडेट्स त्रिसेवा प्रशिक्षण संस्थान (Tri-Services Training Academy) से प्रशिक्षित होकर नौसेना और वायुसेना में शामिल होंगी। वर्ष 2021 में सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले के बाद महिलाओं को एनडीए में प्रवेश की अनुमति मिली थी, और अब वह निर्णय सशक्त परिणामों के रूप में सामने आ रहा है।

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बराबरी की ओर एक साहसिक कदम
अगस्त 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में महिलाओं को एनडीए और नौसेना अकादमी में प्रवेश की अनुमति दी थी। यह कदम न केवल कानूनी रूप से अहम था, बल्कि भारतीय सेना में महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की दिशा में एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ।

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सेना में महिला भागीदारी बढ़ी
वर्तमान में महिला अधिकारी न केवल भारतीय सेना का हिस्सा बन रही हैं, बल्कि फ्रंटलाइन ऑपरेशन्स और लड़ाकू विमानों तक में अपनी भूमिका निभा रही हैं। एनडीए से पास आउट होने वाली ये 17 कैडेट्स भविष्य में सेना में नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाएंगी।

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ऑपरेशन सिंदूर और महिला शक्ति का प्रदर्शन
हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसी महिला अधिकारियों की अहम भूमिका ने यह दर्शाया कि भारतीय महिलाएं सम्मान, सुरक्षा और नेतृत्व में किसी से पीछे नहीं हैं।

सरकारी योजनाओं की भूमिका
इस परिवर्तन के पीछे मोदी सरकार की महिला सशक्तिकरण के लिए चलाई गई योजनाओं की भी अहम भूमिका रही है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, ‘सुकन्या समृद्धि योजना’, ‘उज्ज्वला योजना’ जैसी पहलों ने महिला स्वास्थ्य, शिक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया है।

संस्कार और आधुनिकता का संगम
भारत की परंपरा में नारी को सदा ‘शक्ति’ का प्रतीक माना गया है। अब वह शक्ति केवल पूजा तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि सेना, विज्ञान, न्याय और राजनीति में भी उसका प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

नारी शक्ति की नई मिसाल
एनडीए की ये 17 महिला कैडेट्स न केवल इतिहास बना रही हैं, बल्कि वे भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगी। यह पल केवल सैन्य इतिहास में नहीं, बल्कि देश के सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में भी मील का पत्थर साबित होगा।

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